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    डीएफओ नपे, समीर थापर व अन्य की जमानत खारिज

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Wed, 04 Jan 2017 07:17 AM (IST)

    थापर समूह से जुड़े उद्योगपति समीर थापर और साथियों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। साथ ही लापरवाही के आरोप में डीएफओ को निलंबित कर दिया गया है।

    कोटद्वार, [जेएनएन]: थापर समूह से जुड़े उद्योगपति समीर थापर और साथियों के कानून ताक पर रखकर कार्बेट टाइगर रिजर्व से सटे जंगल में जश्न मनाने के मामले में शासन ने लैंसडोन प्रभाग के डीएफओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप है।

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    इधर, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका नामंजूर कर दी। आरोपी बुधवार को जिला जज की अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल करेंगे। इस बीच, डीएफओ पर कार्रवाई के विरोध में वन कर्मचारियों ने कल से हड़ताल पर पर जाने का ऐलान किया है।

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    लैंसडोन वन प्रभाग के कोल्हूचौड़ विश्राम गृह परिसर में बगैर अनुमति के टेंट लगाकर नया साल मना रहे उद्योगपति समीर थापर और उनके पंद्रह अन्य साथियों को पुलिस ने दो रोज पहले गिरफ्तार कर लिया था। विश्राम गृह में मोहिंदर सिंह के नाम से बुक कमरों की तलाशी में स्वचालित हथियार, जिंदा कारतूस और बड़ी मात्रा में शराब बरामद हुई थी। पुलिस ने वहां से आठ वाहन भी जब्त किए थे। तब से सभी आरोपी पौड़ी जिला कारागार में बंद हैं।

    मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने बताया कि इस मामले में लैंसडोन प्रभाग के डीएफओ मयंक शेखर के स्तर पर लापरवाही की बात सामने आई है, इसके मद्देनजर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि प्रमुख मुख्य वन संरक्षक के स्तर पर मामले की विभागीय स्तर पहले ही जांच बैठाई जा चुकी है।

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    दूसरी ओर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भवदीप राउते की अदालत में आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरक्षित वन क्षेत्र में कैंप फायर, हथियारों और शराब की मौजूदगी को गंभीर मानते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।

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    सहायक अभियोजन अधिकारी अजीत कुमार मिश्रा के अनुसार अदालत ने कहा कि यह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब अपराध करने वाले साधारण नागरिक नहीं, बल्कि समाज के ऐसे वर्ग से जुड़ा है, जो वन और वन्य जीव कानून की जानकारी रखते हैं।

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