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    आपसी समन्वय से ही रोकी जा सकती है जंगल की आग

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Wed, 01 Feb 2017 07:00 AM (IST)

    मंगलवार को पौड़ी के कलक्ट्रेट में वन सुरक्षा को लेकर बैठक आयोजित हुई। इस दौरान डीएम चंद्रशेखर भट्ट ने कहा कि आपसी समन्वय से ही जंगल की आग की घटनाएं रोकी जा सकती है।

    आपसी समन्वय से ही रोकी जा सकती है जंगल की आग

    पौड़ी, [जेएनएन]: जिलाधिकारी चंद्रशेखर भट्ट ने कहा कि जंगल की आग की घटनाओं को रोकने के लिए विभागों में आपसी समन्वय बहुत जरूरी है। कहा कि इसमें वन पंचायतों के अलावा ग्रामीणों की सहभागिता भी सबसे अहम है। उन्होंने प्रतिभागी विभागीय अधिकारियों को फायर सीजन से पूर्व सभी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जन जागरुकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया।

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    मंगलवार को कलक्ट्रेट में वन सुरक्षा को लेकर बैठक आयोजित हुई। इसमें वन विभाग के अलावा फायर सर्विस, पुलिस विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान डीएम ने गत वर्ष जनपद के जंगलों में लगी आग पर चिंता जताई तथा इससे सबक लेकर जंगल की आग की घटनाओं को रोकने के लिए अभी से प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। डीएम ने सभी जंगलों में लगने वाली आग के दुष्प्रभावों से भी आम लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया।

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    गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ रमेश चंद्र ने बताया कि गढ़वाल के कुल 5329 वर्ग किमी भौगोलिक क्षेत्रफल के सापेक्ष 72. 26 प्रतिशत क्षेत्रफल में वन क्षेत्र है। कहा कि गत वर्ष गढ़वाल वन प्रभाग में 268 आग की घटनाएं हुई, जिसमें 680 हेक्टेयर क्षेत्रफल आग की भेंट चढ़ा। सिविल एवं सोयम वन प्रभाग में वनाग्नि की 166, लैंसडौन में 29, कालागढ़ वन प्रभाग में 52, राजाजी नेशनल पार्क में 24 घटनाएं वनाग्नि की हुई।

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    इसके अलावा भी अन्य प्रभागों में वनाग्नि से काफी नुकसान हुआ। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम चंद्रशेखर भट्ट ने क्रू स्टेशनों को अभी से सजग रखने तथा वनाग्नि के दौरान समन्वय बेहतर बनाने पर जोर दिया।

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    इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे, अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा, सिविल एवं सोयम वन प्रभाग के डीएफओ लक्ष्मण सिंह रावत, लैंसडौन प्रभाग के डीएफओ मयंक शेखर झां, डीएफओ भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन एसके त्रिपाठी, सीओ धन सिंह तोमर, सीएमओ डा. मनीष अग्रवाल, अग्नि शमन अधिकारी प्रेम सिंह सती आदि शामिल थे।

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