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    सेना हर चुनौती से निपटने को तैयार: डीजीएमओ

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 14 Jan 2017 07:00 AM (IST)

    भारतीय थल सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट ने कहा कि भारतीय सेना चुनौतियों से घबराती नहीं, बल्कि उनसे निपटने के लिए हर वक्त तत्पर रहती है।

    सेना हर चुनौती से निपटने को तैयार: डीजीएमओ

    पौड़ी गढ़वाल, [जेएनएन]: भारतीय थल सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट गुरुवार को टिहरी जिले की लोस्तु पट्टी में घंडियालधार की घंटाकर्ण देवता जात (यात्रा) में शामिल हुए। इस दौरान, बैरांगना चौरास में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारतीय सेना चुनौतियों से घबराती नहीं, बल्कि उनसे निपटने के लिए हर वक्त तत्पर रहती है। इसीलिए यह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेना है।

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    डीजीएमओ भट्ट ने मेहनत एवं ईमानदारी को हर पहाड़ी की पहचान बताया और कहा कि शिक्षा व पर्यटन के क्षेत्र में यहां के हर युवा को रोजगार का विशेष अवसर दिया जाना चाहिए। इससे पहाड़ से पलायन की समस्या दूर करने में भी मदद मिलेगी। इन दिनों चर्चा में आए बीएसएफ के एक जवान की वीडियो क्लिप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सेना का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

    जात में पहुंचने पर मंदिर समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त कैप्टन सते सिंह भंडारी ने मंदिर समिति और क्षेत्रीय जनता की ओर से उनका अभिनंदन किया। इस अवसर पर भट्ट ने कहा कि ईमानदारी और मेहनत से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनकी मां ने तमाम परेशानियां झेलते हुए उन्हें इस काबिल बनाया। उन्हें लोस्तु बडियार का निवासी होने पर गर्व है।

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    बड़े-बुजुर्गों से लिया आशीष

    डीजीएमओ भट्ट लोस्तु पट्टी स्थित अपने पैतृक गांव खतवाड़ भी गए। यहां उन्होंने लगभग सौ वर्षीय रिश्ते की दादी भागीरथी देवी समेत अन्य बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया। भट्ट गांव में स्थित अपने इष्ट देवता के मंदिर और फिर अपने पैतृक आवास भी पहुंचे। लगभग 45 मिनट वह गांव में रहे और इस दौरान बड़े-बुजुर्गों व युवाओं से खुलकर बातचीत की। इस दौरान उनकी बहन अनीता बडोला भी पति के साथ मौजूद रही।

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    गढ़वाली में ही बोले भट्ट

    डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट ने अपने गांव खतवाड़ और घंडियालधार में हर व्यक्ति से गढ़वाली भाषा में ही संवाद किया। दादी भागीरथी देवी से उन्हें भरपूर स्नेह मिलने के साथ ही और ऊंचाइयां छूने का आशीर्वाद भी मिला। क्षेत्र के लोगों ने स्नेह स्वरूप उन्हें प्रतीक चिह्न भेंट किया।

    सीएसडी कैंटीन खुलवाएं

    घंडियालधार पहुंचने पर पूर्व सैनिकों ने डीजीएमओ के सम्मुख क्षेत्र में सीएसडी कैंटीन न होने का मसला उठाया। साथ ही कीर्तिनगर में कैंटीन खुलवाने का आग्रह किया।

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    परंपरागत ढंग से हुआ स्वागत

    पैतृक गांव खतवाड़ जाते हुए डीजीएमओ भट्ट जब बैरांगना चौरास पहुंचे तो गंगा आरती समिति से जुड़ी 30 महिलाओं ने दीप थाली से आरती कर उनका पारंपरिक ढंग से स्वागत किया। गंगा आरती समिति और गोतीर्थाश्रम समिति की ओर से प्रेमबल्लभ नैथानी ने उन्हें शॉल भेंट किया।

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