जश्न में डूबा नवनियुक्त सेनाध्यक्ष बिपिन सिंह रावत का पैतृक गांव
देश के नए सेनाध्यक्ष बिपिन सिंह रावत के पैतृक गांव ग्राम सैंणा में जश्न मनाया गया। ढोल बजे और मिठाई भी बांटी गई।
कोटद्वार, [जेएनएन]: देश के नए सेनाध्यक्ष बिपिन सिंह रावत के पैतृक गांव ग्राम सैंणा में शनिवार को जश्न का माहौल रहा। जमकर आतिशबाजी हुई, ढोल बजे और मिठाई भी बांटी गई। ऐसा होना लाजिमी था, आखिर गांव के सपूत पर देश ने भरोसा जताते हुए उन्हें सेना की कमान जो सौंपी है।
पौड़ी जिले के द्वारीखाल क्षेत्र की बिरमोली ग्राम पंचायत का तोक ग्राम सैंणा। शनिवार को इस गांव में बज रहे ढोल-दमाऊ की गूंज दूर-दूर तक पहुंच रही थी। गांव में हो रही आतिशबाजी भी आसपास के गांवों का ध्यान खींच रही थी। इस जश्न के माहौल में सभी एक-दूसरे को मिठाई खिला बधाइयां दे रहे थे। जश्न में झूमते ये लोग देश के नवनियुक्त सेनाध्यक्ष बिपिन सिंह रावत के परिवार के सदस्य हैं, जो देहरादून, दिल्ली आदि स्थानों से अपने गांव पहुंचे हुए थे।
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जश्न की शुरुआत पूजन-अर्चन के साथ हुई और फिर मिष्ठान वितरण व आतिशबाजी का दौर चला। ढोल-दमाऊ की थाप पर थिरकते परिवारजनों के कदम उनके अंतर्मन की खुशी को बयां कर रहे थे। दोपहर में भोज के उपरांत गांव में पहुंचे तमाम लोग अपने-अपने गंतव्यों के लिए लौट गए। इस मौके पर नवनियुक्त सेनाध्यक्ष के चाचा सुरेंद्र सिंह, भरत सिंह, हरिनंदन सिंह, जयवंत सिंह, पुष्कर सिंह, संतोष कुमार, राजकुमार रावत, गंगा सिंह रावत, मान सिंह सहित तमाम परिवार के सदस्य व ग्रामीण मौजूद रहे।
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ग्राम सैंणा : एक परिचय
पौड़ी जिले के प्रमुख शहर कोटद्वार से करीब 50 किमी के फासले पर प्रखंड द्वारीखाल की बिरमोली ग्राम पंचायत का यह तोकग्राम मुख्य सड़क से करीब डेढ़ किमी दूर है। सड़क से गांव को जोड़ने के लिए खड़ंजा मार्ग बना है। सेनाध्यक्ष बिपिन सिंह रावत के इस गांव में शायद ही कोई परिवार ऐसा होगा, जिसका कोई सदस्य सेना से न जुड़ा हो। स्वयं रावत का पूरा परिवार सेना से जुड़ा हुआ है। उनके दादा त्रिलोक सिंह रावत सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए। उनके पिता ले.ज. (सेनि) लक्ष्मण सिंह रावत भी अपनी योग्यता के दम पर सिपाही से डिप्टी आर्मी चीफ के पद तक पहुंचे। रावत के बड़े भाई विजय रावत आर्मी इंजीनियरिंग कोर से कर्नल पद से सेवानिवृत्त हुए।
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