उत्तराखंड में भी दिखा अखिलेश और शिवपाल के झगड़े का असर, दो धड़ों में बंटी सपा
उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का अपने चाचा के साथ झगड़े का असर उत्तराखंड में दिखने लगा है। यहां भी सपा दो धड़ो में बंटती नजर आ रही है।
हल्द्वानी, [अंकुर शर्मा]: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के घमासान का असर उत्तराखंड में भी दिखाई दिखने लगा है। एक धड़ा जहां अखिलेश यादव की विकास यात्र का सहभागी बनना चाहता है तो पुराने दिग्गज परंपरा का निर्वाह करते हुए शिवपाल का दामन छोड़ने को तैयार नहीं है। हालांकि दोनों ही धड़े नेता जी के फैसले को स्वीकार करने का दावा कर रहे हैं।
कुमाऊं में पैर जमाने के लिए जमीन तलाश रही सपा की राह मुश्किल हो गई है। उप्र में चाचा-भतीजे की कलह से यहां भी सपा दो धड़ों में बंटती दिख रही है। नेता जी मुलायम सिंह यादव के जमाने से सपा में जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ता सीएम अखिलेश के तेवर से खासे नाराज हैं।
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वे शिवपाल के मंत्रालय छीने जाने को दुर्व्यवहार मान रहे हैं। इस धड़े का मानना है कि यही हाल रहा तो सपा में वरिष्ठों को यथोचित सम्मान नहीं मिल पाएगा। पार्टी सच्चे सिपाही खो देगी, इसका खामियाजा पार्टी को आगामी विस चुनाव में वोट बैंक कम होने से भी भुगतना पड़ सकता है।
वहीं दूसरा धड़ा अखिलेश के कदम की सराहना कर रहा है। इस धड़े के नेताओं का मानना है कि समाजवादी विचार धारा का अर्थ समाज के समग्र विकास से है और इस विचारधारा पर सिर्फ उप्र के सीएम अखिलेश ही पूरा कर रहे हैं।
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उनका यह भी मानना है कि उप्र व उत्तराखंड में आगामी विस चुनाव में सपा अखिलेश के नेतृत्व में ही चुनावी नैया पार लगाएगी। इधर, दोनों ही धड़ों ने नेता जी मुलायम सिंह यादव को सवरेपरि करार दिया है। उनका कहना है कि नेता जी ही उनकी राह तय करेंगे।
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