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    मेवाड़ विवि को काली सूची में डालने की हो रही तैयारी

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Sat, 09 Apr 2016 05:00 AM (IST)

    छात्रवृत्ति हड़पने के मामले में समाज कल्याण निदेशालय राजस्थान के मेवाड़ विश्वविद्यालय को काली सूची में डालने की कवायद में जुटा गया है। इस सिलसिले में यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया गया है।

    हल्द्वानी (नैनीताल)। छात्रवृत्ति हड़पने के मामले में समाज कल्याण निदेशालय राजस्थान के मेवाड़ विश्वविद्यालय को काली सूची में डालने की कवायद में जुटा गया है। इस सिलसिले में यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया गया है।
    मेवाड़ विवि में छात्रवृत्ति हड़पने के प्रकरण की तफ्तीश में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इसी साल 23 जनवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री के पास एक चिट्ठी पहुंची थी कि मेवाड़ विवि में उत्तराखंड के फर्जी छात्रों के नाम पर वजीफा बांटा जा रहा है। इस पर 18 फरवरी को समाज कल्याण निदेशालय ने जब मेवाड़ विवि से राज्य के छात्रों का ब्योरा मांगा था तो फंसने के डर से मेवाड़ विवि ने मार्च के आखिर में निदेशालय को आनन-फानन में यह रिपोर्ट भेज दी कि यूनिवर्सिटी ने उत्तराखंड के 433 छात्रों के एडमिशन निरस्त कर दिए गए हैं।

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    इसके बाद निदेशालय ने इस प्रकरण की जांच के लिए डिप्टी डायरेक्टर जीएस नौटियाल को बागडोर सौंपी, लेकिन इससे पहले विजिलेंस ने इस फर्जीवाड़े से पर्दा हटा दिया। मेवाड़ विवि ने जिन छात्रों के एडमिशन निरस्त किए हैं, उसके बारे में जानकारी जुटाने विजिलेंस की टीम गुरुवार को निदेशालय पहुंचकर रिकार्ड जुटाया था। इस प्रकरण से विवि प्रशासन की भूमिका तो संदिग्ध हुई ही।

    साथ ही प्रदेश के वह समाज कल्याण अधिकारी भी शक के दायरे में खड़े हैं, जिन्होंने बगैर सत्यापन के ही ही वजीफा की लिस्ट मेवाड़ विवि को भेज दी थी। इस मामले में उत्तरकाशी में तैनात रहे समाज कल्याण अधिकारी मदनलाल पहले ही सस्पेंड हे चुके हैं, जबकि कई अन्य जिलों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
    इधर, समाज कल्याण निदेशालय छात्रवृत्ति फर्जीवाड़ा को लेकर मेवाड़ विवि को काली सूची में डालने की तैयारी चल रही है। इसके लिए निदेशक वीएस धानिक की ओर से मेवाड़ विवि प्रशासन का स्पष्टीकरण जानने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

    इस संबंध में समाज कल्याण के निदेशक वीएस धानिक ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले समाज कल्याण अधिकारियों पर तो कार्रवाई होगी। मेवाड़ विवि की सच्चाई सामने आने के बाद उसे ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी की जा रही है।
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