हरीश रावत के स्टिंग की सीबीआइ जांच को लेकर हाई कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग की सीबीआइ जांच कराने के मामले में केंद्र सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
नैनीताल, [जेएनएन] : स्टिंग प्रकरण में नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। जबकि मुख्यमंत्री को प्रति शपथ पत्र जमा कराने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। बता दें कि सरकार बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के स्टिंग मामले की सीबीआइ जांच निरस्त करने के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है। आज अदालत ने इस पर जिरह कराने के बाद अगली सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तिथि नियत की है।
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याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने सीबीआइ से अभी तक की जांच प्रगति और भावी योजना के बारे में पूछा। इस पर सीबीआइ की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राकेश थपलियाल और संदीप टंडन ने अदालत को बताया स्टिंग की सीडी फोरेंसिक जांच के लिए भेजी गई है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद सुबूत व तथ्यों का परीक्षण कर तय किया जाएगा कि मामले में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज की जाए अथवा नहीं।
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मुख्यमंत्री की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने दलील दी कि राज्य सरकार 18 मई को सीबीआइ जांच की अधिसूचना निरस्त कर चुकी है। ऐसे में सीबीआइ को जांच का अधिकार नहीं है। इस पर केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता ललित शर्मा व संजय भट्ट ने बचाव पक्ष की दलीलें खारिज करते हुए तर्क दिया केंद्र की अधिसूचना निरस्त किए बिना जांच वापस नहीं हो सकती। कोर्ट के कुछ सवालों पर सीबीआइ ने चुप्पी भी साधे रखी। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने व्यवस्था दी कि यदि इस मामले में सीबीआइ प्राथमिकी दर्ज करती है तो उसे पहले कोर्ट को सूचना देनी होगी।
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