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    जिम कार्बेट नेशनल पार्क में बाघों के साथ चुनौतियां भी बढ़ीं

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 28 Jul 2017 08:38 PM (IST)

    जिम कार्बेट नेशनल पार्क में बाघों की संख्या बढ़ने से महकमा भले ही गदगद हो, लेकिन उसके सामने चुनौतियां भी खासी बढ़ गई हैं।

    जिम कार्बेट नेशनल पार्क में बाघों के साथ चुनौतियां भी बढ़ीं

    रामनगर(नैनीताल), [विनोद पपनै]: देश में बाघों की प्रमुख सैरगाह जिम कार्बेट नेशनल पार्क में बाघों की संख्या बढ़ने से महकमा भले ही गदगद हो, लेकिन उसके सामने चुनौतियां भी खासी बढ़ गई हैं। असल में जिस हिसाब से कार्बेट में बाघों का घनत्व बढ़ा है, उससे आने वाले वक्त में दिक्कतें भी बढ़ना तय है। 

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    कार्बेट की देहरी लांघकर इनके बाहर निकलने से शिकार के साथ ही मानव के साथ संघर्ष बढ़ने की आशंका से इन्‍कार नहीं किया जा सकता। हालांकि, विभागीय अधिकारी भी मानते हैं कि अब जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है। देखने वाली बात होगी कि इससे पार पाने को वे क्या रणनीति अपनाते हैं।

     

    वर्चस्व की जंग

    कॉबेट टाइगर रिजर्व का 1288 वर्ग किलोमीटर का दायरा बाघों के लिए कम पड़ता नजर आने लगा है। विशेषज्ञों की मानें तो मोटे तौर पर एक मादा बाघिन का एरिया दस वर्ग किमी तो नर बाघ का दायरा बीस वर्ग किमी में होता है। रिजर्व में वर्ष 2008 से जिस तरह बाघ बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से इनके अधिपत्य क्षेत्र में कमी आ रही है। ऐसे में बाघों के बीच वर्चस्व की जंग तेज हो सकती है।

     

    बाघों का शिकार

    हाल के वर्षों में इस रिजर्व की दक्षिणी सीमा से शिकारियों की घुसपैठ और शिकार होने के मामले सामने आते रहे हैं। बावजूद इसके रिजर्व प्रशासन इस क्षेत्र से शिकारियों की घुसपैठ रोकने में सफल नहीं हो पाया है। चूंकि, अब बाघ बढ़े हैं तो शिकारी फिर अपनी गिद्धदृष्टि गड़ा सकते हैं।

     

    मानव से संघर्ष

    कार्बेट की देहरी लांघकर आसपास के गांवों में बाघों का धमकना और इनके हमले की घटनाएं सुर्खियां बनती आई हैं। आंकड़ों को ही देखें तो 2007 से अब तक कार्बेट से लगे गांवों में बाघों ने 13 लोगों को निवाला बनाया, जिनमें पांच महिलाएं शामिल हैं। 21 लोग घायल हुए हैं। अब मानव-बाघ के संघर्ष की घटनाएं बढ़ सकती हैं।

     

    इन उपायों की है दरकार

    -कार्बेट की दक्षिणी सीमा पर बिजनौर (उप्र) क्षेत्र के साहूवाला को बनाया जाए कार्बेट का बफर 

    -चकूम गांव का अन्यत्र विस्थापन कर बढ़ सकता है चार वर्ग किमी का दायरा

    -जंगल में हिरन प्रजातियों की संख्या में कमी न आए इसके लिए हो ग्रासलैंड विस्तार 

     -मानव के साथ संघर्ष टालने को अलग से एक विशेषज्ञ और आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित टीम हो गठित

     

    सभी कार्मिक मुस्तैदी के साथ सुरक्षा में जुटे हैं

    कार्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक अमित वर्मा का कहना है कि निसंदेह अब जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है। चुनौतियां जरूर हैं, लेकिन इनसे पार पाने को ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। सभी कार्मिक मुस्तैदी के साथ सुरक्षा में जुटे हैं।

     

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