उत्तराखंडः राष्ट्रपति शासन को लेकर केंद्र ने नैनीताल हाई कोर्ट में दाखिल किया जवाब
उत्तराखंड में धारा 356 लागू कर राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले में केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है, जिसमें उस संवैधानिक संकट का जिक्र किया गया है, जिसकी वजह से केंद्रीय कैबिनेट को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजनी पड़ी।
नैनीताल। उत्तराखंड में धारा 356 लागू कर राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले में केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है, जिसमें उस संवैधानिक संकट का जिक्र किया गया है, जिसकी वजह से केंद्रीय कैबिनेट को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजनी पड़ी।
निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने याचिका दायर कर राज्य में राष्ट्रपति शासन को चुनौती दी थी। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्र को चार अप्रैल तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे। सोमवार को गृह मंत्रालय के विशेष अधिकारी जरूरी दस्तावेज लेकर नैनीताल पहुंचे।
असिस्टेंट सॉलीसिटर जनरल राकेश थपलियाल ने करीब 60 पन्नों का जवाब रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय में दाखिल किया। पिछले दिनों हुई सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल ने कोर्ट में दलील दी थी कि राज्य विधान सभा में विनियोग विधेयक पर विपक्ष की मत विभाजन की मांग नहीं मानी गई।
सदस्यों की मांग के बावजूद मत विभाजन के बजाय विनियोग विधेयक को ध्वनि मत से पारित मान लिया गया। राज्यपाल के समक्ष 35 विधायकों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन देकर सरकार के खिलाफ अविश्वास जताया। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार को भेजी करीब दस रिपोर्टो में राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति पैदा होने का जिक्र किया गया है।
सूत्र यहां तक बता रहे हैं कि जवाब में विधान सभा की कार्रवाई की पत्रावली को भी संलग्न किया गया है, जिसमें सदस्यों के मत विभाजन की मांग करने का उल्लेख है। हाई कोर्ट की खंडपीठ अब इस मामले में अहम सुनवाई छह अप्रैल को करेगी।
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