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    जान पर भारी पड़ रहा पोकेमॉन गो खेल, जानने को क्लिक करें

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Sat, 13 Aug 2016 11:16 AM (IST)

    पोकेमॉन गो की दीवानगी अब हरिद्वार के युवाओं के सर चढ़कर बोल रही है, लेकिन यह दीवानगी खुद युवा और दूसरे लोगों की जान पर भारी पड़ती दिख रही है।

    हरिद्वार, [शिवांग अग्रवाल]: पोकेमॉन गो खेलने के लिए पूरी दुनिया की दीवानगी सातवें आसमान पर हैं। जितनी तेजी से इसे खेलने के लिए लोगों की उंगलियां चलती हैं, उससे भी तेज इस खेल के लिए लोगों का दिल धड़कता है। देश-दुनिया से होते हुए पोकेमॉन गो की दीवानगी अब हरिद्वार के युवाओं के सर चढ़कर बोल रही है, लेकिन यह दीवानगी खुद युवा और दूसरे लोगों की जान पर भारी पड़ती दिख रही है। हैरत की बात तो यह है कि युवा पोकेमॉन गो खेलने के लिए अपनी पढ़ाई को भी तवज्जो नहीं दे रहे हैं। शुक्रवार को पुलिस ने कुछ युवाओं को पकड़ा, जो अपनी जान की फ्रिक छोड़ पोकेमॉन को पकड़ने में मशगूल थे।

    दरअसल शुक्रवार सुबह हरिद्वार के प्रेमनगर आश्रम के नजदीक गंगा घाट के किनारे छह युवा मोबाइल और लैपटॉप पर पोकेमॉन गेम खेलने में मशगूल दिखे। इधर-उधर भागते युवा इस खेल को खेलने में इतने मशगूल थे कि उन्हें इस बात का ध्यान नहीं रहा कि थोड़ा भी संतुलन बिगड़ने पर वे सीधे गंगा में गिर सकते हैं। आस पास टहल रहे बुजुर्गों ने उन्हें रोका भी, लेकिन वे नहीं माने। युवाओं की इस हरकत से परेशान बुजुर्गों ने पुलिस को मौके पर बुला लिया।

    इसके बाद पुलिस युवाओं को साथ ले आई और उनके अभिभावकों को भी बुला लिया। अभिभावकों से मिली जानकारी से पता लगा कि सभी छात्र 12वीं के हैं और ट्यूशन पढ़ने के लिए सुबह साढ़े पांच बजे से घर से निकले हैं। वहीं इस दौरान दो अभिभावकों ने अपने बच्चों की पिटाई कर दी। युवाओं के आगे से ऐसा नहीं करने पर पुलिस ने उन्हें अभिभावकों के साथ भेज दिया।

    खेलते वक्त हादसे का डर
    पोकेमॉन गो खेलते समय लोग इसमें इस कदर डूब जाते हैं कि उन्हें अपनी सुध-बुध तक नहीं रहती। वहीं इसे घूमकर खेलने की वजह से भी हादसे का डर बना रहता है। कई देशों में इसे खेलने के दौरान हुए हादसे के बाद प्रतिबंध लगाने की मांग भी उठने लगी है।

    चीला के जंगल व घाट बन रहे अड्डा
    धर्मनगरी में पोकेमॉन गो के प्रति युवाओं का रुझान काफी बढ़ रहा है। इसे खेलने के लिए चीला के जंगल और सूने पड़े घाट युवाओं का ठिकाना बनते जा रहे हैं। यहां हाथ में मोबाइल और लैपटॉप लिए युवा आसानी से यह खेल खेलने हुए देखे जा सकते हैं, जबकि इस क्षेत्र में जंगली जानवरों के आने का अंदेशा रह वक्त बना रहता है।

    ऑनलाइन जुआ किंग-मेकर भी बना रहा पैठ
    पोकेमॉन गो के साथ ही ऑनलाइन जुआ किंग मेकर खेल भी धर्मनगरी में पैठ बनाता दिख रहा है। इसे खेलने के लिए खिलाड़ी को संबंधित खेल के एजेंट के जरिये आनलाइन रकम जमा करा अपना अकाउंट बनाना पड़ता है। इसके बाद उसे पासवर्ड के साथ गेम खेलने की अनुमति मिल जाती है। सही दांव लगने पर जीत की रकम खाते में जमा हो जाती है, जबकि हारने पर रकम कम हो जाती है।

    ऑनलाइन गेम पर रोक लगाने की जरूरत
    पूर्व प्राचार्य पीएस चौहान ने बताया कि इस तरह के ऑनलाइन गेम पर रोक लगाने की जरूरत है। इससे युवा गलत दिशा में जा रहे हैं। परिजन व शिक्षक को इस ओर ध्यान देना चाहिए और युवाओं को जागरूक करना होगा। ये खेल कभी भी जान पर भारी पड़ सकते हैं।

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    युवाओं में कम समय में अधिक रुपये कमाने की लालसा
    महाराज ऋषिवरानंद ने कहा कि युवाओं को समाज के लिए आगे आना चाहिए था। मगर इसके उल्ट वे इस तरह के गेम में उलझ गए हैं। कम समय में अधिक रुपये कमाने की लालसा युवाओं को इस ओर अग्रसित कर रही है। कई बार लोग आनॅलाइन गेम में इतने डूब जाते हैं, उन्हें खुद की जान की भी परवाह नहीं होती।

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    गलत तरीके से रुपये कमाने वाले लोगों करेंगे चिह्नित
    एसएसपी राजीव स्वरूप ने कहा कि ऑनलाइन गेम को गलत तरीके से रुपये कमाने का धंधा बनाने वाले लोगों को पुलिस चिह्नित करेगी। इसके लिए एक टीम का गठन किया जाएगा, जो इस तरह के अपराध व साइबर अपराधों को रोकने में व्यापक स्तर पर अभियान चलाएगी।

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