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    परीक्षा आ गई सिर पर, फिर भी नहीं बंट पाई पूरी किताबें

    By BhanuEdited By:
    Updated: Thu, 20 Oct 2016 07:30 AM (IST)

    सरकारी मशीनरी की लेटलतीफी का खामियाजा इस बार नौनिहाल भुगतेंगे। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में अभी पूरी तरह से किताबें बंट नहीं पाईं, वहीं परीक्षा की तारी ...और पढ़ें

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    हरिद्वार, [जेएनएन]: सरकारी मशीनरी की लेटलतीफी का खामियाजा इस बार नौनिहाल भुगतेंगे। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में अभी पूरी तरह से किताबें बंट नहीं पाईं, वहीं परीक्षा की तारीख आ गई।
    शिक्षा परिषद बेसिक ने 21 से 26 अक्टूबर के बीच सभी स्कूलों को छमाही परीक्षाएं कराने के आदेश दिए हैं। वहीं, किताबें बंटवाने का काम सितंबर माह तक जारी था। ऐसे में जिन्हें किताबें मिल भी गई हैं, वह भी छह महीने की पढ़ाई कुछ ही दिन में पूरी नहीं कर सकते। जिन्हें किताबें ही नहीं मिली तो उनका तो पुरसाहाल ही नहीं है। अब ऐसे में नौनिहाल कैसे परीक्षा देंगे, विचारणीय प्रश्न है।

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    स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र को शुरू हुए छह माह होने को आए हैं। पहले जब जुलाई से सत्र होता था तो परीक्षाएं नवंबर और दिसंबर माह में होती थीं। तब किताबें इन बच्चों को जुलाई में ही मिल जाती थी। अब नया सत्र अप्रैल से शुरू कर दिया जाता है, ऐसे में छह महीने अक्टूबर में ही पूरे हो गए हैं।
    इस बीच जिला शिक्षा विभाग बेसिक की ओर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा के लिए ब्लॉक स्तर पर शेड्यूल जारी कर दिया गया है। सबसे बड़ी समस्या स्कूलों की कक्षाओं में पाठ्यक्रम की है। इसमें नए सत्र के छह महीने बीतने के बाद भी स्कूलों में कोर्स पूरा नहीं हो पाया है।

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    सूत्रों की मानें तो पाठ्यक्रम पूरा न होने की बड़ी समस्या पुस्तकों के प्रकाशन में लेटलतीफी है। कक्षाओं का संचालन तो अप्रैल में शुरू किया गया, लेकिन किताबें बंटने का काम सितंबर माह तक जारी था। ऐसे में कई लोगों को किताबें तो मिल गई लेकिन वह कम समय में पढ़ाई पूरी नही कर सके। अब 21 से 26 अक्टूबर तक परीक्षा संपन्न कराने के साथ ही 28 को सभी छात्रों का परीक्षा परिणाम भी घोषित करने का आदेश दिया गया है।

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    छपाई में देरी से आई समस्या
    जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक रामेंद्र कुशवाहा के मुताबिक किताबों की छपाई में देरी हुई है, लेकिन सत्र शुरू होने के बाद ही बच्चों में स्कूलों की ओर से पुरानी किताबों का वितरण करा दिया गया था जिससे कक्षाओं में पढ़ाई की जा रही थी। पाठयक्रम के हिसाब से ही परीक्षाएं कराई जा रही है। अगले सत्र से पुस्तकों की छपाई समय पर कराने का प्रयास किया जाएगा।

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