गन्ना किसान और मिल के लिए चीनी कड़वी
जागरण संवाददाता, रुड़की : चीनी के दामों से भले ही आम आदमी को लाभ मिल रहा हो लेकिन चीनी मिल और किसानों
जागरण संवाददाता, रुड़की : चीनी के दामों से भले ही आम आदमी को लाभ मिल रहा हो लेकिन चीनी मिल और किसानों के लिए चीनी का स्वाद कड़वा ही होता जा रहा है। अब चीनी के दाम 23 सौ रुपये प्रति कुंतल पर आ गए हैं। चीनी के खरीददार तक नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में गन्ना किसानों का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है।
इस समय जिले के किसान पाई-पाई को तरस रहे हैं। जिले के किसानों का चीनी मिल पर 252 करोड़ रुपये बकाया है। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए किसान लगातार आंदोलन एवं धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, बावजूद इसके चीनी मिल किसानों को भुगतान नहीं दे पा रही है। शनिवार को चीनी मिलों को जबरदस्त झटका भी लगा है। इकबालपुर चीनी मिल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनमोहन शर्मा की मानें तो चीनी के रेट 23 सौ रुपये प्रति कुंतल से भी नीचे आ गए हैं। इतना ही नहीं चीनी के खरीददार तक नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसी ही उन्हें भी इस बात की ¨चता सता रही है कि वह कैसे किसानों को गन्ने का भुगतान करें। दूसरी ओर, उत्तम चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक अनिल ¨सह ने कहा कि इस बार बाजार ने वास्तव में चीनी मिलों की कमर तोड़ दी है। चीनी के दाम इतने कम होने की वजह से किसान का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। गन्ना किसान भी इस बात को समझ रहे हैं।
उपभोक्ताओं को सस्ती चीनी का नहीं मिल रहा लाभ
भले ही थोक में चीनी के दाम 23 सौ रुपये कुंतल हो गए हों लेकिन उपभोक्ताओं को सस्ती चीनी का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। बाजार में अभी भी उपभोक्ताओं को 28 रुपये प्रति किलो की दर से चीनी मिल रही है, जबकि इस समय उपभोक्ताओं को चीनी 25 रुपये किलो मिलनी चाहिए थी।
राशन की दुकानों पर भी नहीं मारामारी
चीनी को लेकर राशन की दुकानों पर भी अब मारामारी नहीं है। राशन की दुकानों पर चीनी 14 रुपये किलो के हिसाब से मिल रही है। इस चीनी की क्वालिटी इतनी बढि़या भी नहीं है। पूर्ति निरीक्षक संदीप नेगी की मानें तो अब चीनी को लेकर ज्यादा मारामारी नहीं है। पहले चीनी को लेकर ज्यादा मारामारी रहती थी।
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