सुरक्षित बुढ़ापा गुजारना चाहते हैं तो चले आइए उत्तराखंड
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड देश में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे सुरक्षित राज्यों में से एक है।
देहरादून, [सुनील नेगी]: उत्तराखंड देश में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे सुरक्षित राज्यों में से एक है। जी हां, यह हम नहीं कह रहे, बल्कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट बता रही है। उत्तराखंड में बीते वर्ष अपराध के सिर्फ पांच मामले ही दर्ज किए, जबकि महाराष्ट्र वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे असुरक्षित राज्य है।
एनसीआरबी 2015 की क्राइम स्टेटिस्टिक्स रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में बुजुर्गों के खिलाफ अपराध 0.6 प्रतिशत है। वर्ष 2015 में सूबे में सिर्फ पांच मामले ही ऐसे हैं, जिसमें बुजुर्ग के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट के अनुसार सिक्किम, नागालैंड और जम्मू-कश्मीर ऐसे तीन राज्य हैं, जहां बुजुर्ग लोगों के खिलाफ उत्तराखंड से कम अपराध के मामले दर्ज किए गए।
पढ़ें-उत्तराखंड: अब कम्युनिटी रेडियो से आपदा प्रबंधन
वहीं, 2015 में सूबे में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के कुल पांच मामले दर्ज किए गए। इसमें दो हत्या के, एक रेप और दो अन्य अपराधों के हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, संयोग से 2014 बेहतर रहा। क्योंकि पूरे राज्य में बुजुर्गों के खिलाफ अपराध का सिर्फ एक ही मामला दर्ज किया गया। गौरतलब है कि देश में महाराष्ट्र वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे असुरक्षित राज्य है। यहां बुजुर्ग लोगों के खिलाफ अपराध की 4561 घटनाएं हुई हैं, जिसमें 258 हत्या के मामले हैं।
पढ़ें-चारधाम यात्रा मार्गों के सुधार को सरकार ने की कसरत तेज
बता दें कि यह एनसीआरबी की दूसरी रिपोर्ट है, जिसमें एजेंसी ने वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों पर डाटा प्रकाशित किया है। इससे पहले वर्ष 2014 रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। 2014 से पहले वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों पर कोई डाटा एकत्र नहीं किया गया था। हालांकि, उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं। वर्ष 2014 में 1395 मामले दर्ज हुए, जबकि 2015 में 1453 मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के साथ अपराध के मामलों में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पढ़ें:-उत्तराखंड में चांद से भी 'दूर' है एक गांव, जानने के लिए क्लिक करें
राज्य में पिछले वर्ष की तुलना में हिंसक अपराध की घटनाओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है। वर्ष 2015 में 2158 हिंसक अपराध के मामले दर्ज किए गए, जबकि वर्ष 2014 में 2130 मामले दर्ज किए गए। हिंसक अपराध की श्रेणी में अधिकतम मामले अपहरण के हैं।
पढ़ें-अब उत्तराखंड की सीमाओं पर रहेगी सीसी कैमरों से नजर
उत्तराखंड को कहा जाता है पैराडाइस ऑफ़ रिटायर्ड पीपल
अपर पुलिस महानिदेशक राम सिंह मीणा का कहना है कि उत्तराखंड को पहले भी पैराडाइस ऑफ़ रिटायर्ड पीपल कहा जाता है। यहां पर वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। विशेषकर अकेले रह रहे बुजुर्गों पर। उनके मोबाइल नंबर पुलिस के पास दर्ज हैं। समय-समय पर वरिष्ठ नागरिकों के साथ बैठक की जाती है। वहीं, नौकरों का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।