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    बाल उत्पीड़न मामले में उत्तराखंड का देश में 18वां स्थान

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 23 Nov 2016 03:00 AM (IST)

    राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के अध्ययन में खुलासा हुआ कि उत्तराखंड में भी बचपन सुरक्षित नहीं। इस मामले में उत्तराखंड देश में 18वें स्थान पर रहा।

    देहरादून, [जेएनएन]: देश के सबसे साक्षर राज्यों में शुमार उत्तराखंड में भी 'बचपन' उत्पीड़न की बेड़ियों से जकड़ा हुआ है। गत वर्ष उत्तराखंड बाल उत्पीड़न के मामले में देश में 18वें स्थान पर रहा, जबकि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर। यह कड़वी हकीकत राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के अध्ययन में उजागर हुई है।
    अपनी ऐतिहासिक और पौराणिक विरासत के चलते उत्तराखंड देश में अलग पहचान रखता है। राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान इसकी गरिमा को और बढ़ाते हैं। बावजूद इसके यहां बचपन सुरक्षित नहीं। वर्ष 2015 में राज्य में कुल 635 बच्चे उत्पीड़न या अपराध के शिकार हुए।

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    एनसीआरबी का अध्ययन बताता है कि बाल उत्पीड़न के मामले में उत्तराखंड अपने समान क्षेत्रफल व जनसंख्या वाले राज्यों में सबसे ऊपर है। हकीकत को थोड़ा करीब से समझने का प्रयास करें तो पूरे देश में निवास करने वाली जनसंख्या के 0.7 फीसद बच्चे अकेले उत्तराखंड में उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा गत वर्ष सात बच्चे मानव तस्करी के भी शिकार हुए, जो पूरे देश में हुई बच्चों की मानव तस्करी का 0.2 फीसद है।

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    एएसपी, ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल, देहरादून ममता बोरा के मुताबिक बाल उत्पीड़न और बच्चों की तस्करी पर भी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल नजर रखती है। गत वर्ष में जितने मामले आए हैं, उनमें से कई का खुलासा किया जा चुका है। तस्करी में संलिप्त लोगों की तहकीकात की जा रही है।

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    राज्य------------------ बाल उत्पीड़न के मामले
    महाराष्ट्र-------------- 13921
    मध्य प्रदेश----------- 12859
    उत्तर प्रदेश----------- 11420
    पश्चिम बंगाल---------- 4963
    छत्तीसगढ़-------------- 4469
    कर्नाटक------------------ 4469
    राजस्थान----------------- 3689
    गुजरात-------------------- 3623
    हरियाणा------------------- 3262
    असोम---------------------- 2835
    तेलंगाना-------------------- 2697
    तमिलनाडु------------------ 2617
    ओडिशा--------------------- 2562
    केरल----------------------- 2384
    आंध्र प्रदेश---------------- 1992
    बिहार---------------------- 1917
    पंजाब---------------------- 1836
    उत्तराखंड------------------- 635
    हिमाचल प्रदेश-------------- 477
    झारखंड---------------------- 406
    जम्मू-कश्मीर---------------- 308
    मेघालय----------------------- 257
    त्रिपुरा------------------------- 255
    गोवा--------------------------- 242
    मिजोरम---------------------- 186
    मणिपुर----------------------- 110
    अरुणाचल प्रदेश------------- 181
    सिक्किम----------------------- 64
    नगालैंड------------------------- 61
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