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    उत्तराखंड में अल्पकालिक शिक्षकों से गुलजार होंगे विद्यालय

    By BhanuEdited By:
    Updated: Thu, 17 Nov 2016 04:30 AM (IST)

    प्रदेश के दूरदराज और दुर्गम इलाकों के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत अल्पकालिक शिक्षक तैनात किए जाएंगे।

    देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: प्रदेश के दूरदराज और दुर्गम इलाकों के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था सरकार को खासी रास आ रही है। शिक्षकों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के पदों पर अल्पकालिक शिक्षकों की तैनाती का रास्ता साफ किया जा रहा है।
    इसके लिए अल्पकालिक शिक्षक सेवा नियमावली का मसौदा बन चुका है। यह दीगर बात है कि इस नियमावली को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी नहीं मिल पाई, लेकिन इस मामले में मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित कर नियमावली को अंजाम तक पहुंचाने की तैयारी है।

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    प्रदेश के सरकारी विद्यालयों खासकर दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में नियमित शिक्षकों के तैनाती से कन्नी काटने की तोड़ के रूप में अतिथि शिक्षकों का फार्मूला सरकार ने निकाला है। यह दीगर बात है कि अतिथि शिक्षक अब खुद सरकार के गले की फांस बन गए हैं। ये शिक्षक स्थाई नियुक्ति देने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।
    फिलवक्त इनकी तैनाती रिक्त पदों पर 31 मार्च, 2017 तक की गई है। वैसे अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था सरकार को ज्यादा मुफीद नजर आ रही है। इसे नियमसंगत बनाने के लिए शिक्षा महकमे की ओर से बाकायदा अल्पकालिक शिक्षक सेवा नियमावली का मसौदा तैयार किया गया है। इसे मंजूरी के लिए बीते रोज मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया, लेकिन लंबी चर्चा के बावजूद इस पर आम सहमति नहीं बन पाई।
    दरअसल, यह नियमावली भले ही शिक्षा महकमे के लिए है, लेकिन इसकी तर्ज पर अन्य महकमों में भी आउटसोर्सिंग पर रखे जाने वाले कर्मचारियों की ओर से भी नियमावली बनाने का दबाव बढ़ सकता है। लिहाजा अब इस मामले में मंत्रिमंडल की तीन सदस्यीय उपसमिति गठित की गई है। समिति में शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी, गृह मंत्री प्रीतम सिंह और परिवहन मंत्री नवप्रभात शामिल हैं।

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    यह उप समिति नियमावली का विभिन्न पहलुओं से परीक्षण करेगी। इसके बाद अल्पकालिक शिक्षकों की तैनाती का रास्ता तैयार किया जाएगा। नियमावली के मसौदे में यह साफ किया गया है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रवक्ता और सहायक अध्यापक एलटी संवर्ग के सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर अल्पकालिक सेवा के तौर पर भर्ती की जाएगी।

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    प्रत्येक भर्ती वर्ष में सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर अल्पकालिक शिक्षक सेवा से शिक्षकों की तैनाती की जा सकेगी। इस सेवा में चयन के लिए अभ्यर्थियों की आयु प्रचलित नियमों के मुताबिक तय होगी। इसमें बाकायदा भर्ती प्रक्रिया का उल्लेख भी है।
    अल्पकालिक शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर सेवायोजित किया जाएगा। वेतन या मानदेय शासन से नियत होगा। खास बात ये भी है कि अल्पकालिक शिक्षक सेवा भर्ती से तैनात शिक्षकों को नियमानुसार वार्षिक वेतनवृद्धि देय होगी।
    प्रवक्ता पदों पर चयन प्रक्रिया
    प्रवक्ता पदों पर लिखित परीक्षा के माध्यम से मेरिट के आधार पर चयन किया जाएगा। संबंधित परीक्षा संस्था लिखित परीक्षा एवं शिक्षण अनुभव के गुणांक के संकलित प्राप्ताकों के आधार पर मेरिट के क्रम में चयन सूची तैयार की जाएगी। पुरुष शाखा में पुरुष और महिला शाखा में महिला अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकेंगे।
    लिखित परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार के बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होगी। 50 अंक के पहले प्रश्नपत्र में शैक्षिक अभिवृद्धि, तर्कशक्ति परीक्षण एवं सामान्य ज्ञान पर प्रश्न होंगे। परीक्षा अवधि एक घंटा होगी। 100 अंकों के दूसरे प्रश्नपत्र में प्रवक्ता पद के लिए विषय विशेष की दक्षता की परीक्षा होगी। इसके लिए समय अवधि दो घंटा रखी गई है।
    शैक्षणिक अनुभव

    राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता पदों पर शिक्षण कार्य करने के अनुभव के लिए प्रति वर्ष दो अंक, अधिकतम 10 अंक होंगे। इसमें शर्त जोड़ी गई है कि संबंधित अभ्यर्थी को शिक्षण कार्य की अवधि में वेतन या मानदेय का भुगतान राजकोष या कोषागार से किया जाना चाहिए।
    एलटी पदों पर चयन प्रक्रिया
    एलटी पदों पर चयन शैक्षिक एवं प्रशिक्षण उपलब्धि के गुणांक व अनुभव के गुणांकों के आधार पर मेरिट के आधार पर चयन होगा। इसमें पुरुष और महिला शाखा में चयन किया जाएगा।
    अवकाश और तैनाती
    अल्पकालिक शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तर्ज पर 14 आकस्मिक अवकाश स्वीकृत होंगे। महिला अभ्यर्थियों को मातृत्व अवकाश भी अनुमन्य होगा। इन शिक्षकों की तैनाती पहले विकल्प के मुताबिक गृह विकासखंड यानी स्थाई रूप से निवास करने वाले विकासखंड में होगी। दूसरा विकल्प जन्म का विकासखंड माना जाएगा। विकल्प नहीं दिए जाने की स्थिति में रेंडम आधार पर तैनाती दी जाएगी।
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