कार्यकर्ताओं में जोश फूंकने को बनी टीम राहुल में उत्तराखंड को भी जगह
कांग्रेस में जोशोखरोश फूंककर नए कलेवर में ढालने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए 50 चुनिंदा नेताओं की गठित की गई टीम राहुल में उत्तराखंड को भी जगह मिली है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: पहले लोकसभा चुनाव और फिर उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन से जूझ रही कांग्रेस में जोशोखरोश फूंककर नए कलेवर में ढालने की तैयारी की जा रही है। इस मुहिम की कमान खुद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी संभाले हुए हैं। बीते रोज नई दिल्ली में देशभर के 50 चुनिंदा नेताओं की इस नई टीम राहुल ने पार्टी को मजबूत करने का संकल्प लिया। टीम राहुल में उत्तराखंड को भी जगह मिली है।
खास बात ये है कि राहुल ने अपनी इस टीम में पार्टी के स्वयंसेवकों को तरजीह दी। नई टीम देशभर में जिला और ब्लॉक स्तर से पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने में जुटेगी। कई राज्यों के चुनावों में शिकस्त के बाद बदले हालात में कांग्रेस के सामने अपना खोया जनाधार वापस पाने की चुनौती है।
इसके मद्देनजर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रहा है। पार्टी के भीतर बदलाव की इस मुहिम से सीधे आम कार्यकर्ता और जनता को जोडऩे की रणनीति पर काम शुरू किया गया है। इस रणनीति के तहत ही पार्टी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नजरिए में भी बदलाव देखा जा रहा है।
राहुल अब सिर्फ युवा ही नहीं, बल्कि गहन अनुभवी और सबको साथ लेकर आगे चलने में सक्षम नेताओं की टीम के साथ आगे बढ़ने के पक्ष में हैं। नई दिल्ली में बीते रोज राहुल ने पूर्व केंद्रीय मंत्रियों पी चिदंबरम, पल्लम राजू, कुमारी शैलजा, जेपी अग्रवाल समेत विभिन्न राज्यों के चुनिंदा 50 नेताओं के साथ पार्टी को विभिन्न स्तरों पर मजबूत बनाने पर मंथन किया।
ये नेता अब टीम राहुल के रूप में देशभर में कांग्रेस की नींव को मजबूती देने में दम-खम झोंकेंगे। टीम राहुल में उत्तराखंड को भी प्रतिनिधित्व मिला है। सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के प्रतिनिधि के तौर पर मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन बैठक में शामिल हुए।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक राहुल ने अपनी टीम से बतौर स्वयंसेवक नई जिम्मेदारी संभालने को आगे आने को कहा। यह कार्य बगैर किसी दबाव और स्वेच्छा से हो, इसे ध्यान में रखकर राज्य अथवा राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने का विकल्प भी दिया गया। पार्टी नेतृत्व नई ऊर्जा से काम करने के इच्छुक लोगों को साथ जोड़कर संगठन की ओवरहॉलिंग का इच्छुक भी बताया जा रहा है।
यह कार्य अब सिर्फ प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के जिम्मे नहीं छोड़ा जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व जिलों और ब्लॉक स्तर पर नए सिरे से संगठन को खड़ा करने के पक्ष में है। प्रदेशों में पार्टी संगठन के समानांतर दिग्गज नेताओं की ओर से खड़ा किए गए अपने संगठन की नकारात्मक भूमिका को पार्टी हाईकमान महसूस कर रहा है।
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