उत्तराखंड: रोडवेज कर्मी आज से हड़ताल पर, 800 से ज्यादा बसों के पहिए थमे
उत्तराखंड सरकार और परिवहन निगम प्रबंधन से वार्ता विफल होने के बाद गुरुवार रात 12 बजे से रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में आउट सोर्स चालक-परिचालकों समेत तकनीकी संवर्ग कर्मियों के नियमितीकरण की मांग पर सरकार और परिवहन निगम प्रबंधन से वार्ता विफल होने के बाद गुरुवार रात 12 बजे से रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया।
चूंकि, प्रदेश में करीब 70 फीसद बसों का संचालन आउट सोर्स कर्मचारी ही करते हैं, लिहाजा इससे रोडवेज की 800 से ज्यादा बसों के पहिए थमने का अंदेशा है। हड़ताल को टालने को लेकर मुख्यमंत्री हरीश रावत की सभी कोशिशें नाकाम रहीं।
हड़ताल से हजारों यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ सकती है और रोडवेज को करोड़ों के नुकसान का अंदेशा भी है। वहीं, रोडवेज ने नियमित चालकों-परिचालकों की छुट्टियां निरस्त कर सभी को डयूटी पर बुलाया है।
बता दें कि, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन से जुड़े करीब तीन हजार नियमित और आउट सोर्स के चालक, परिचालक व तकनीकी कर्मियों के हड़ताल पर जाने का सबसे ज्यादा असर देहरादून के डीलक्स व ग्रामीण डिपो, ऋषिकेश, रुड़की, रानीखेत, भवाली, अल्मोड़ा, रुद्रपुर, लोहाघाट समेत काठगोदाम एवं हल्द्वानी डिपो पर पड़ने का अंदेशा है। इसके साथ ही दून, हरिद्वार एवं हल्द्वानी में जेएनएनयूआरएम की सभी बसें ठप पड़ सकती हैं।
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दरअसल, आउट सोर्स के लगभग 2800 चालक-परिचालक और तकनीकी संवर्ग के कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। कर्मियों में बड़ी संख्या ऐसी भी हैं जो आउट सोर्स में 12-13 साल से सेवाएं दे रहें हैं लेकिन नियमित नहीं हुए। यूनियन ने एक सितंबर से तीन दिवसीय हड़ताल का एलान किया था।
लेकिन परिवहन मंत्री नवप्रभात के बेटे का निधन होने के कारण हड़ताल 15 दिन के लिए स्थगित कर दी गई और 16 से 18 सितंबर तक तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार व हड़ताल का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में परिवहन मंत्री नवप्रभात एवं निगम अफसरों के साथ बैठक की थी, मगर हड़ताली नहीं माने। गुरुवार को निगम प्रबंधन ने भी वार्ता कर हड़तालियों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी।
यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि तीन दिवसीय हड़ताल में 800 से ज्यादा बसें खड़ी रहेंगी और कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे। वहीं, रोडवेज प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार संत ने बताया कि बस संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।
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