फुटबाल में बूम लाएगा फीफा अंडर-17 विश्व कप: श्याम थापा
ऑल इंडिया फुटबाल फेडरेशन में टेक्निकल डायरेक्टर श्याम थापा के अनुसार फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यह आयोजन देश की फुटबाल को नई दिशा देगा।
देहरादून, [गौरव गुलेरी]: फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यह आयोजन देश की फुटबाल को नई दिशा देगा। इस महाकुंभ में हम अच्छा प्रदर्शन कर प्रयास करेंगे। इससे हम विश्व की फुटबाल के मानक भी देख पाएंगे। यह कहना है देश के पूर्व महानतम फुटबालरों में शुमार दून के श्याम थापा का। उन्होंने सोमवार को ही ऑल इंडिया फुटबाल फेडरेशन में टेक्निकल डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाली है।
दून वैली के देश को दिए फुटबालरों में श्याम थापा का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। उन्होंने ऐसे समय में यह जिम्मेदारी संभाली है जब देश में पहली बार किसी भी प्रारूप में फुटबाल का विश्व कप होने जा रहा है।
बाइचुंग भूटिया की जगह फेडरेशन में टेक्निकल डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभालने वाले श्याम थापा एक कार्यक्रम में शिरकत करने दून पहुंचे। दैनिक जागरण से बातचीत में श्याम थापा ने कहा कि एआइएफएफ ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। वह कहते हैं कि मुझे कई नई चीजें करनी हैं और देश के लिए ज्यादा से ज्यादा फुटबालर देने हैं। अंडर-17 विश्व कप को माध्यम बनाकर हम देश में यूथ डेवलपमेंट प्रोग्राम को गति दे सकते हैं। यह तय करेगा कि देश की फुटबाल को हम किस स्तर पर ले जा सकते हैं।
बकौल श्याम थापा मेरे जेहन में कई प्लान हैं, जिन्हें एआइएफएफ की तकनीकी समिति के सदस्यों से साझा करूंगा। टाटा फुटबाल ऐकेडमी में बतौर तकनीकी सलाहकार की जिम्मेदारी संभाल चुके श्याम थापा कहते हैं कि देश की फुटबाल को विश्वस्तरीय बनाने के लिए हमें ग्रासरूट लेवल पर काम करना होगा।
हमें अंडर-20, अंडर-17 व अंडर-14 वर्ग में देशभर से खिलाडिय़ों का चयन कर पूल तैयार करना होगा। इससे सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व तो मिलेगा ही, साथ में हमें सीनियर टीम तैयार करने में भी आसानी होगी।
ऐकेडमी कल्चर को मिले बढ़ावा
श्याम थापा का कहना है कि हमारा प्रयास रहेगा कि फेडरेशन के माध्यम से देश के सभी राज्यों में ऐकेडमी कल्चर को बढ़ावा दिया जाएगा। भविष्य के फुटबाल बनाने के लिए यह जरूरी है।
दून से सीखा फुटबाल का ककहरा
1974 व 78 के एशियन गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके श्याम थापा स्वयं को दून का बेटा मानते हैं। दून वैली में ही उन्होंने फुटबाल का ककहरा सीखा। श्याम थापा ने दून स्थित गोर्खा मिलिट्री इंटर कॉलेज से खेलना शुरू किया।
पहले गोर्खा बिग्रेड फिर ईस्ट बंगाल का हिस्सा बने श्याम थापा नेपाल की राष्ट्रीय टीम के कोच के साथ ही मोहन बागान सेल ऐकेडमी के तकनीकी निदेशक की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
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