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    सिर्फ एक क्लिक पर 70 भाषाओं में 20 लाख किताबें, जानिए कैसे

    By Gaurav KalaEdited By:
    Updated: Tue, 03 Jan 2017 07:00 AM (IST)

    नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी मौजूदा वक्त में देश के 25 संस्थानों के एक लाख से ज्यादा छात्रों को पंजीकृत कर चुकी है और मुहिम जारी है।

    देहरादून, [जेएनएन]: भारत डिजिटल हो रहा है। एक ओर कैशलेस इंडिया की नींव रखी जा रही है तो वहीं मानव संसाधन मंत्रालय देशभर के लाखों छात्रों को भारी भरकम किताबों के बोझ और इन पर खर्च होने वाली मोटी राशि के बोझ से मुक्त करने की ओर कदम बढ़ा रहा है।

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    जी हां, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी मौजूदा वक्त में देश के 25 संस्थानों के एक लाख से ज्यादा छात्रों को पंजीकृत कर चुकी है और मुहिम जारी है। वह दिन दूर नहीं जब लाखों छात्र ऑनलाइन लाइब्रेरी से जुड़ चुके होंगे और किताबों के इस बोझ से मुक्ति पा चुके होंगे।

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    केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की महत्वाकांक्षी परियोजना नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी(एनडीएल) शुरू हो चुकी है। इस ई-लाइब्रेरी में मौजूदा वक्त में करीब 20 लाख पुस्तकें, आलेख, शोध प्रबंध और ऑडियो-वीडियो व्याख्यान उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं यहां 70 देशी-विदेशी भाषाओं में इंजीनियरिंग, गणित, भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान, कला, साहित्य, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, कंप्यूटर विज्ञान, कॉमर्स आदि विषयों पर सामग्र्री उपलब्ध है।

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    फिलहाल एनडीएल से करीब एक लाख छात्र जुड़ चुके हैं। लक्ष्य 10 लाख छात्रों को जोडऩे और 50 लाख की संख्या में अध्ययन सामग्र्री मुहैया कराने का है। इसके बाद देश के तमाम संस्थानों के छात्रों को इस लाइब्रेरी से जोडऩे की कोशिश होगी। एनएडीएल के संचालन का जिम्मा आइआइटी खडग़पुर संभाल रहा है।

    एनडीएल पर पंजीकरण के बाद छात्र इसकी सामग्री को अलग-अलग विषयों, भाषाओं और सामग्री की प्रकृति के अनुसार सर्च कर सकते हैं। छात्रों के साथ ही लाइब्रेरी पर संस्थानों के पंजीकरण का लिंक भी दिया गया है। छात्रों के बाद इस सुविधा को आम लोगों की पहुंच में लाने की भी योजना है।

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    ऑडियो-वीडियो व्याख्यान भी

    नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी में टेक्स, फोटो, एनिमेटेड सामग्री के साथ ही ऑडियो और वीडियो फॉरमेट में भी अध्ययन सामग्री उपलब्ध है। छात्र पंजीकरण के बाद इन तमाम सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। इसके साथ ही एनडीएल की तमाम सेवाएं 24 घंटे निश्शुल्क उपलब्ध हैं। छात्र कभी भी कहीं भी यह सामग्री एक्सेस कर सकते हैं।

    डीएवी पीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. प्रशांत सिंह ने बताया कि नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी आने वाले समय में एक बड़ा ज्ञान भंडार साबित होगा। खासतौर से शहरी छात्रों को भारी भरकम किताबों और इन्हें खरीदने के लिए खर्च की जाने वाली मोटी रकम से राहत देगा। इसके साथ ही तमाम विषयों पर ताउम्र अध्ययन करने वाले लोगों को लिए भी यह बेहतरीन साधन होगा।

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    एनडीएल पर क्या है खास

    -प्राथमिक से स्नातकोत्तर छात्रों के लिए अध्ययन सामग्र्री

    -कला, विज्ञान, कॉमर्स, प्रौद्योगिकी, कृषि समेत तमाम विषयों पर सामग्री

    -60 से ज्यादा प्रकार के अध्ययन संसाधनों की उपलब्धता

    -डेढ़ लाख लेखकों की 15 लाख से ज्यादा कृतियां उपलब्ध

    -70 भाषाओं में अध्ययन सामग्र्री उपलब्ध

    -भारत के तमाम संस्थानों के विशेषज्ञों की सामग्री का भंडार

    -सामग्री किताबों, आलेखों, शोध प्रबंध, ऑडियो और वीडियो व्याख्यान

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