बदरीनाथ धाम से तुलसी के पौधे का अस्तित्व हो जाएगा खत्म
बदरीनाथ धाम भले ही तुलसी की सुगंध से महक रहा हो, लेकिन यहां तुलसी के पौधों का अनियोजित ढंग से दोहन भी हो रहा है। ऐसा ही चलता रहा तो बदरीनाथ से तुलसी का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा
देहरादून, [जेएनएन]: बदरीनाथ धाम भले ही तुलसी की सुगंध से महक रहा हो, लेकिन यहां तुलसी के पौधों का अनियोजित ढंग से दोहन भी हो रहा है। ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में बदरीनाथ धाम से तुलसी का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। लिहाजा, इसके संरक्षण के लिए वन विभाग को प्रभावी कदम उठाने होंगे। विधि एवं परिसीमन आयोग की ओर से चारधाम यात्रा की बेहतर व्यवस्थाओं के मद्देनजर बदरीनाथ धाम में आयोजित बैठक में हितधारकों ने ऐसे कई सुझाव रखे। आयोग इन सुझावों को सरकार के समक्ष रखेगा।
चारधाम के हितधारकों के सुझाव सरकार तक पहुंचाने के मकसद से बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सभागार में यह बैठक रखी गई। आयोग के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी के अनुसार हितधारकों ने यह भी सुझाव दिया कि बदरीनाथ धाम से लेकर माणा तक के मार्ग का आस्था पथ के रूप में सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए।
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इसके अलावा बदरीनाथ धाम में अतिक्रमण रोकने को प्रभावी कदम उठाने, बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में यात्रियों के ठहरने के लिए यात्री शेड निर्माण कराने, चारों धामों में सुरक्षा के ठोस इंतजामात करने, राशन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने समेत अन्य कई सुझाव भी आयोग के समक्ष रखे गए।
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बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष रमेश कापड़ी, रामसिंह बसेड़ा, सदस्य सचिव भारत भूषण, प्रमुख सचिव विधायी रमेश चंद्र खुल्बे, मुख्य नियोजन अधिकारी सुशील कुमार के साथ ही मंदिर समिति के प्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि, पर्यटन, लोनिवि व प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
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