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    उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव: छवि और प्रदर्शन पर टिकी टिकट की आस

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 10 Jan 2017 07:05 AM (IST)

    उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा परिवर्तन के नाम पर सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है। ऐसे चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी है, जिनकी छवि निर्विवाद और बेदाग हो।

    उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव: छवि और प्रदर्शन पर टिकी टिकट की आस

    देहरादून, [विकास गुसाईं]: भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में इस बार एंटी इनकंबेंसी और मोदी रथ पर सवार होकर सत्ता में आने का ख्वाब बुन रही है। सर्वे के शुरुआती रुझान पार्टी की ओर झुकते देख कार्यकर्ताओं के चेहरे खिले हुए हैं। जाहिर है ऐसे में हर सीट पर दावेदारों की लंबी लाइन है। बावजूद इसके पार्टी चुनावों में कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं। ऐसे चेहरों पर दांव खेलने की तैयारी है, जिनकी छवि निर्विवाद और बेदाग हो। हालांकि, संघ से निकटता और दिल्ली दरबार तक पहुंच भी टिकट का मजबूत आधार बनेगा।

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    भाजपा विधानसभा चुनाव 2017 में परिवर्तन के नाम पर सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है। भाजपा ने 'भय न भ्रष्टाचार' को अपनी पंच लाइन के रूप में इस्तेमाल किया है। जाहिर है कि पार्टी प्रदेश की सभी 70 विधानसभा सीटों में ऐसे चेहरों पर दांव खेलने का प्रयास करेगी जिनकी छवि स्वच्छ हो। क्षेत्र में लगातार सक्रियता और कार्यक्रमों में सहभागिता पर भी संगठन की नजर रही है। संगठन जिताऊ उम्मीदवारों के चयन को लेकर अच्छी खासी कसरत कर चुका है। विधानसभावार फीडबैक लिया जा चुका है।

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    संगठन आपराधिक छवि वाले दावेदारों से भी दूरी बनाए रखने के पक्ष में है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि दावेदार पूरे दमखम से चुनाव में मोर्चा संभाल सके। इन दावेदारों के पीछे पैरोकारों की भी लंबी-चौड़ी फौज है। ऐसे में पैरोकारों का वजन और उनकी पकड़ को भी आंका जा रहा है। पार्टी के तकरीबन 1500 से अधिक कार्यकर्ताओं ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए अपने आवेदन सौंपे हैं।

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    इन आवेदनों को भी जांचा-परखा जा रहा है। यदि किसी आवेदक का दावा पहले विधानसभा चुनावों में पहले ताल ठोक चुके प्रत्याशी से मजबूत होगा तो पार्टी सर्वे से उसकी तुलना की जाएगी। ऐसे में अच्छे जनाधार वाले दावेदारों को टिकट मिलने की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा दावेदारों के कार्यकर्ताओं व प्रदेश पदाधिकारियों से संबंध भी मजबूत दावे का आधार बनेंगे। संघ की भी टिकट आवंटन में बेहद अहम भूमिका रहेगी। साफ है कि संघ की पृष्ठभूमि और आलाकमान से संबंध भी टिकट की गारंटी बन सकते हैं। यही कारण भी है कि भाजपा के अधिकांश दावेदार दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं।

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    तीन माह से सर्वे कर रहा संघ

    संघ ने बीते तीन माह से सभी विधानसभा क्षेत्रों में पूर्णकालिक कार्यकर्ता तैनात किए हुए हैं। ये कार्यकर्ता हर दावेदार की गतिविधियों पर नजर रखे हैं। इस दौरान ये पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के साथ ही कार्यक्रमों के आयोजन पर भी नजर रखे हैं। यह फीडबैक लगातार संघ व संगठन को उपलब्ध कराया जा रहा है।

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