Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एसटीएफ ने 15 किलो चरस के साथ दो किशोर पकड़े

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 13 Dec 2016 01:08 PM (IST)

    एसटीएफ ने सहसपुर के फतेहपुर से दो किशोर को 15 किलो चरस के साथ गिरफ्तार किया। एसटीएफ ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

    विकासनगर, [जेएनएन]: एसटीएफ ने रविवार रात सहसपुर के फतेहपुर से 15 किलोग्राम चरस की बड़ी खेप पकड़ी है। चरस की इस खेप के साथ दो किशोर भी पकड़े गए हैं, जिनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एसटीएफ ने बताया कि गोरखपुर के रास्ते बिहार से नशे की यह खेप देहरादून के लिए लाई जा रही थी। पकड़े गए किशोर केवल डिलीवरी ब्वॉय हैं, उनसे पूछताछ की जा रही है।

    एसटीएफ को मुखबिर ने सूचना दी कि गोरखपुर यूपी से दो किशोर भारी मात्रा में चरस लेकर उत्तराखंड आ रहे हैं। इस पर एसटीएफ ने जाल बिछा कर रविवार देर रात दोनों किशोरों को सहसपुर थाने के धर्मावाला चौकी क्षेत्र के फतेहपुर पुल के पास पकड़ लिया। दोनों के पास से मिले बैगों से पंद्रह किलो 200 ग्राम चरस बरामद हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें:-चरस तस्करी के मामले में नेपाली नागरिक को चार वर्ष का कारावास
    डोमिनगढ़ गोरखपुर निवासी किशोरों ने पूछताछ में बताया कि वह सामान डिलीवरी कर उसकी एवज में पैसे लेते हैं। यह सामान उन्हें गोरखपुर के समीप बिहार बॉर्डर से कुछ व्यक्तियों ने दिया था। इसकी उन्हें उत्तराखंड में डिलीवरी देनी थी। किशोरों ने एसटीएफ को उस शख्स का मोबाइल नंबर भी दिया, जिसे उन्हें डिलीवरी देनी थी। एसटीएफ के दरोगा संतोष कुमार शाह ने बताया कि पूछताछ में दोनों किशोरों ने जो नाम-पते बताए वह फर्जी निकले।

    पढ़ें-थराली में पुलिस ने चरस के साथ युवक को किया गिरफ्तार
    थानाध्यक्ष सहसपुर मुकेश त्यागी व धर्मावाला चौकी प्रभारी धनराज बिष्ट के अनुसार चरस के साथ पकड़े गए किशोरों की उम्र 14 व 15 साल के बीच हैं। दोनों पैसे के लालच में सामान की डिलीवरी करते हैं। बिहार बार्डर से चरस लेकर दोनों ट्रेन से सहारनपुर आए, फिर बस से उत्तराखंड में प्रवेश किया और पैदल ही चरस से भरे बैग की डिलीवरी करने हरबर्टपुर की तरफ जा रहे थे। किशोरों को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा।

    पढ़ें:-मुनि की रेती में चरस के साथ युवक को पुलिस ने धर दबोचा