उत्तराखंड: चुनाव से पहले नए जिलों का गठन करेगी हरीश सरकार
विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड सरकार 11 में से उन जिलों का गठन करेगी, जिनका सीमांकन समेत अन्य जरूरी कार्य पूरा कर लिया गया है।
देहरादून, [विकास धूलिया]: उत्तराखंड में 11 नए जिलों के गठन की कवायद में जुटी सरकार अब एक साथ नहीं, बल्कि चरणबद्ध तरीके से नए जिलों का निर्माण करेगी। विधानसभा चुनाव से पहले सरकार 11 में से उन जिलों का गठन करेगी, जिनका सीमांकन समेत अन्य जरूरी कार्य पूरा कर लिया गया है। इस लिहाज से समझा जा रहा है कि मौजूदा सरकार पहले चरण में उन चार जिलों के गठन की घोषणा करने जा रही है, जिनकी संस्तुति नए जिलों के निर्माण व पुनर्गठन के लिए गठित समिति ने इसी साल फरवरी में की थी।
उत्तराखंड में आगामी मार्च से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से ऐन पहले सरकार राज्य में नए जिलों के निर्माण के लिए कमर कस चुकी है। दरअसल, राज्य में नए जिलों के गठन का मसला सीधे जनभावनाओं से जुड़ा रहा है, यही वजह रही कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने भी पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 15 अगस्त 2011 को चार नए जिले बनाने की घोषणा की थी।
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हालांकि, तब भाजपा को इसका बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ और सत्ता मिली कांग्रेस को। ठीक इसी तर्ज पर अब प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार भी नए जिलों के गठन की तैयारी पूरी कर चुकी है और जल्द इसकी घोषणा कर दिए जाने की संभावना है।
गौरतलब है कि वर्ष 2012 में सूबे में सत्ता परिवर्तन के कारण भाजपा द्वारा घोषित चार जिले धरातल पर नहीं उतर पाए। कांग्रेस सरकार ने तब आयुक्त गढ़वाल की अध्यक्षता में नए जिलों के गठन के लिए एक समिति बनाकर यह मसला उसके सुपुर्द कर दिया।
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इस समिति ने इसी वर्ष 29 फरवरी को चार नए जिलों यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत और डीडीहाट के गठन की संस्तुति की। ये चारों जिले वही हैं, जो पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय घोषित किए गए थे।
इस रिपोर्ट के बाद सरकार ने चार की बजाए आठ नए जिलों के गठन की तैयारी कर ली थी, मगर गत मार्च में सियासी उठापटक के कारण मसला तब अधर में लटक गया।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 'जागरण' से बातचीत में चार या आठ नहीं, बल्कि 11 नए जिलों के गठन की बात कही। इसके अलावा उन्होंने दो नई कमिश्नरी बनाने की सरकार की तैयारी की जानकारी भी दी।
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अब मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि सरकार एक साथ सभी नए 11 जिलों का गठन करने की बजाए उन कुछ नए जिलों का गठन पहले करेगी, जिनका होमवर्क पूर्ण हो चुका है। इससे समझा जा रहा है कि सरकार पहले चरण में यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत और डीडीहाट को जिला बनाने की घोषणा कर सकती है।
इन चारों जिलों का सीमांकन पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय भी हो चुका था। इसके अलावा मौजूदा कांग्रेस सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा भी इन चार जिलों की सीमा, क्षेत्रफल, प्रशासनिक इकाइयों आदि को लेकर पूरा ब्योरा सरकार को सौंपा जा चुका है।
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छोटी प्रशासनिक इकाईयों का पक्षधर हूं: हरीश रावत
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हम छोटी प्रशासनिक इकाइयों के पक्षधर हैं और इसीलिए नए जिलों के गठन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। नए जिलों के निर्माण में सीमांकन आदि कार्यों में काफी वक्त लगेगा।
लिहाजा, सरकार पहले चरण में उन कुछ जिलों का निर्माण करने जा रही है, जिनकी तैयारी पूर्ण हो चुकी है। प्रस्तावित कुछ जिलों की सीमाओं को लेकर तकनीकी दिक्कतें हैं, इसलिए जहां इस तरह की समस्या नहीं आ रही है, हम पहले उन जिलों के गठन को तैयार हैं।
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