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    रियो ओलंपिक का अनुभव आएगा काम: वंदना कटारिया

    By BhanuEdited By:
    Updated: Thu, 06 Oct 2016 05:00 AM (IST)

    भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान वंदना कटारिया ने कहा कि टीम इंडिया का कप्तान बनना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि रियो ओलंपिक में काफी कुछ सीखने को मिला है।

    देहरादून, [गौरव गुलेरी]: हमें अपनी कमजोरी और ताकत मालूम है। सीनियर खिलाड़ियों का अनुभव और जूनियर का जोश टीम को मजबूती देगा। फिर रियो ओलंपिक का अनुभव भी काम आएगा। पिछली बार प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। बतौर कप्तान पूरा प्रयास रहेगा कि इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम स्वर्णिम सफलता हासिल करे।
    सिंगापुर में 29 अक्टूबर से पांच नवंबर तक होने जा रही एशियन चैंपियंस ट्राफी हॉकी टूर्नामेंट के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम की कमान उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया को सौंपी गई है। मंगलवार को हॉकी इंडिया ने प्रतियोगिता के लिए 18 सदस्यीय टीम की घोषणा की है जो पांच देशों के बीच खेले जाने वाली इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेगी।भारतीय महिला हॉकी टीम की फारवर्ड वंदना कटारिया की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें कप्तान बनाया गया है।

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    मूलरूप से उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के रोशनाबाद गांव निवासी वंदना कटारिया के लिए यह सपने सरीखे जैसा है। 24 वर्षीय वंदना का हॉकी का सफर आसान नहीं रहा। वंदना ने जब हॉकी खेलना शुरू किया तो उसके गांववालों ने तरह-तरह की बातें बनाई। लेकिन पिता नाहर सिंह ने किसी की परवाह किए बिना बेटी को आगे बढ़ने दिया।
    पिता से मिले हौसले के साथ वंदना ने कदम आगे बढ़ाए और सफलता की सीढ़ी चढ़ती गई। 2006 में जूनियर स्तर पर अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करने के बाद आज वंदना के सिर भारतीय महिला हॉकी टीम के कप्तान होने का ताज सजा है।

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    रेलवे में कार्यरत वंदना भोपाल स्थित साई सेंटर में भारतीय टीम के साथ पसीना बहा रही हैं। वंदना देश के लिए 140 मैच में खेलते हुए 35 से ज्यादा गोल दाग चुकी हैं। 2013 में जर्मनी में हुए जूनियर महिला विश्व कप में कांस्य पदक विजेता रही भारतीय टीम की ओर से वंदना ने पांच गोल दागे। इसके साथ ही वह भारत की ओर से सर्वाधिक गोल करने वाली खिलाड़ी भी बनी।
    दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में वंदना ने कहा कि टीम इंडिया का कप्तान बनना गर्व की बात है। उत्तराखंड की ओर से ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाली पहली महिला खिलाड़ी वंदना ने कहा कि रियो ओलंपिक में काफी कुछ सीखने को मिला है।
    2010 से लगातार भारतीय महिला हॉकी टीम का हिस्सा रही वंदना का कहना है कि हॉकी इंडिया ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। फारवर्ड पोजीशन पर खेलने वाली वंदना ने कहा कि जो टीम चयनित की गई उसमें कुछ सीनियर तो कुछ जूनियर खिलाड़ी है। सीनियर खिलाड़ियों के अनुभवों का फायदा मिलेगा। बतौर कप्तान मेरा लक्ष्य रहेगा कि टीम को एकजुट और प्रेरित कर हम देश के लिए स्वर्ण पदक जीत सकें।

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    वंदना का प्रोफाइल
    नाम: वंदना कटारिया
    पिता का नाम: नाहर सिंह
    जन्म स्थान: गांव रोशनाबाद, जिला हरिद्वार, उत्तराखंड
    जन्म तिथि: 15 अप्रैल 1992
    उपलब्धियां
    2006: भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम में हुई शामिल
    2007: थ्री नेशन हॉकी टूर्नामेंट में रजत पदक
    2008: जूनियर एशियन कप महिला हॉकी में कांस्य पदक
    2009: चैंपियन चैलेंज हॉकी में स्वर्ण पदक
    2009: ऑस्ट्रेलियन यूथ ओलंपिक हॉकी में कांस्य पदक
    2011: राष्ट्रीय खेलों में रेलवे की ओर से खेलते हुए रजत पदक
    2012: ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में रजत पदक
    2012:छठे जूनियर महिला एशिया कप में रजत पदक
    2012: राष्ट्रीय सीनियर महिला हॉकी में मिला प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार
    2013: जूनियर महिला विश्व कप में कांस्य पदक
    2014: एशियन गेम्स में कांस्य पदक
    2014: हॉकी इंडिया ने प्लेयर ऑफ द ईयर चुना
    2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व
    2016: रियो ओलंपिक में देश का प्रतिधित्व
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