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    200 लोगों को बनाया ठगी का शिकार, ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 31 Jul 2017 09:00 PM (IST)

    देहरादून पुलिस ने एक ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, गिरोह के तीन सदस्य अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

    200 लोगों को बनाया ठगी का शिकार, ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे

    देहरादून, [जेएनएन]: फर्जी एडवरटाइजिंग कंपनी खोलकर करीब 200 लोगों से लाखों रुपये ठगने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। हालांकि, गिरोह के तीन सदस्य अभी फरार है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। 

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    पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इंदिरानगर निवासी राखी वर्मा ने वसंत विहार थाने में 23 अगस्त 2016 को ठगी की शिकायत दर्ज करार्इ थी। राखी का आरोप था कि मद्रासी कॉलोनी निवासी संतोष ने उन्हें बताया कि इंदिरा नगर में मलिक चौक के पास 'ड्रीम ऑन वे' नाम की एक एडवरटाइजिंग कंपनी है, जो वाहन में स्टीकर लगाकर प्रचार करने पर हर महीने 2500 रुपये देती है। जिसके बाद राखी उस कंपनी में पहुंची, यहां उसकी मुलाकात राजवीर नाम के युवक से हुई। राजवीर ने उसे बताया कि वह लोग वाहनों पर स्टीकर के माध्यम से विभिन्न कंपनियों का प्रचार-प्रसार करते हैं। इसके एवज में वाहन स्वामी को प्रति माह 2500 रुपये दिए जाते हैं। 

     

    राजवीर के झांसे में आकर राखी ने हामी भर दी, जिसके बाद राजवीर ने उनसे आठ हजार रुपये की मांग की और कहा कि यह रकम वाहन में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने के लिए ली गर्इ है। राखी उसके झांसे में आ गई और एक एक्टिवा खरीदने के साथ ही राजवीर को आठ हजार रुपये दे दिए। राजवीर ने उनकी एक्टिवा पर आइडिया 4जी के दो स्टीकर लगाए और कहा कि 2500 रुपये उनके अकाउंट में हर महीने तीन तारीख को आ जाएंगे। वहीं इसके कुछ दिन बाद राखी व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगवाने के लिए जब दोबारा कंपनी पहुंची तो उसे वहां ताला लगा मिला। 

    वसंत विहार के थानाध्यक्ष संजय मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने राखी की शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू कर की। इस दौरान पता चला कि उन लोगों ने दून के करीब 200 लोगों को इसी तरह झांसा देकर चपत लगाई। तभी से पुलिस राजवीर की तलाश कर रही है। 

    इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि राजवीर किसी काम से देहरादून आ रहा है। इस पर पुलिस ने आइएसबीटी सहित अन्य जगहों पर टीमें तैनात कर दी और आरोपी राजवीर उर्फ मनप्रीत सिंह, जो पंजाब का रहने वाला है उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में राजवीर ने कबूल किया कि जल्द अमीर बनने के लालच में उसने कुलदीप उर्फ राजदीप, प्रिया निवासी संगरुर, पंजाब और रजत निवासी देहरादून के साथ मिलकर फर्जी कंपनी बनाई और सैकड़ों लोगों को चूना लगाया।

     

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