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उत्‍तराखंड: अब जिले से भी मिल सकेगा रिवाल्‍वर का ऑल इंडिया लाइसेंस परमिट

अब उत्‍तराखंड में भी शस्त्र लाइसेंस धारकों को अपने लाइसेंस का क्षेत्र बढ़ाने यानि लाइसेंस का ऑल इंडिया परमिट लेने के लिए शासन के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लेकिन कुछ शर्तें है। जरूर पढ़ें।

By gaurav kalaEdited By: Published: Wed, 21 Sep 2016 10:43 AM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2016 10:49 AM (IST)

देहरादून, [विकास गुसाईं]: अब उत्तराखंड में भी शस्त्र लाइसेंस धारकों को अपने लाइसेंस का क्षेत्र बढ़ाने यानि लाइसेंस का ऑल इंडिया परमिट लेने के लिए शासन के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। जिला स्तर से ही सक्षम अधिकारी अब ऑल इंडिया के लाइसेंस जारी कर सकेंगे।
उत्तराखंड में शस्त्र लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हालांकि, प्रदेश में लगातार बढ़ रही आतंकी घटनाओं को देखते हुए केंद्र ने बेहद ही सीमित संख्या में इन लाइसेंसों को जारी करने के निर्देश दिए हैं।

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इतना ही नहीं, लगभग पांच वर्ष पूर्व केंद्र ने लाइसेंस के क्षेत्र विस्तार का अधिकार राज्यों से वापस लेते हुए ऐसे मामले गृह मंत्रालय को भेजने के निर्देश दिए थे। यानी, जिले से जारी होने वाले लाइसेंस केवल प्रदेश भर के लिए ही मान्य होते थे।
प्रदेश से बाहर जाने के लिए बनने वाला ऑल इंडिया लाइसेंस केंद्र की स्वीकृति के बाद ही जारी किया जाता था। इसके लिए जिलाधिकारी की स्वीकृति के बाद ऐसे आवेदनों को अभी तक केंद्र को भेजा जा रहा था।
हाल ही में केंद्र ने आयुध नियम, 2016 लागू किया है। इसमें लाइसेंस जारी करने के कई नियमों में बदलाव किया गया है। इसमें एक मुख्य बदलाव यह है कि ऑल इंडिया लाइसेंस जारी करने की शक्ति भी जिला स्तर पर सक्षम अधिकारी को प्रदान की गई है। हालांकि इसमें स्पष्ट किया गया है कि किस-किस को ये लाइसेंस जारी किए जा सकते हैं।

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इन वर्गों में मिलेगा ऑल इंडिया लाइसेंस
-केंद्रीय मंत्री व सांसद।
-सेना व केंद्रीय सशस्त्र बलों के कार्मिक।
-अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी।
-सरकारी अथवा पब्लिक सेक्टर के ऐसे अधिकारी, जिनकी सेवा का दायरा पूरे भारत में हो।
-समर्पित खेल व्यक्ति व खिलाड़ी।
-अन्य मामलों में ऐसे व्यापारी अथवा कारोबारी, जो लगातार अपने कार्यों के लिए पूरे देश में भ्रमण करते हैं।
लगभग सौ मामले हैं लंबित
प्रदेश सरकार की ओर से अभी केंद्र को ऑल इंडिया लाइसेंस के लिए तकरीबन 100 आवेदन भेजे गए हैं। इन पर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है। ये आवेदन वापस किए जाएंगे अथवा केंद्र ही इन पर कोई निर्णय लेगा, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि, ऐसे आवेदन जो अभी तक केंद्र को नहीं भेजे गए थे, शासन ने वे सभी जिलों को वापस लौटा दिए हैं।
उत्तराखंड के प्रमुख गृह सचिव उमाकांत पंवार ने बताया कि अभी तक केंद्र को ऑल इंडिया लाइसेंस के लिए आवेदन भेजे जाते थे। अब ये अधिकार जिलाधिकारी को दे दिए गए हैं।

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