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सर्जिकल स्ट्राइकः पूर्व सैन्य अधिकारी बोले, पाक के पास रिस्क लेने की हिम्मत नहीं

भारत की सेना की ओर से पाक सीमा में घुसकर चलाए गए सर्जिकल स्ट्राइक को सेना के पूर्व अधिकारियों ने सेना का सही कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह पूर्व नियोजित आपरेशन है।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 02:41 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2016 03:21 PM (IST)
सर्जिकल स्ट्राइकः पूर्व सैन्य अधिकारी बोले, पाक के पास रिस्क लेने की हिम्मत नहीं

देहरादून, [जेएनएन]: भारत की सेना की ओर से पाक सीमा में घुसकर चलाए गए सर्जिकल स्ट्राइक को सेना के पूर्व अधिकारियों ने सेना का सही कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह पूर्व नियोजित आपरेशन है। इसके जवाब में पाकिस्तान के पास रिस्क लेने की हिम्मत नहीं है।

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सियाचिन और कश्मीर में जीओसी रहे रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ओपी कौशिक ने कहा कि यह सर्जिकल स्ट्राइक तय थी। हमारी एक-एक कोर के अंदर कमांडो बटालियन है। जो इस तरह की कार्रवाई को अंजाम देने में सक्षम है।


उन्होंने कहा कि जो छह कैंप तबाह किए गए हैं, उनमें आपस की दूरी काफी ज्यादा है। ऐसे में यह एक सुनियोजित आपरेशन है। पाकिस्तान की तरफ से जवाबी कार्रवाई पर कहा कि वह इतना बडा रिस्क लेने की स्थिति में नहीं है। पाकिस्तान भी जानता है कि उसने कुछ किया तो यह मामला और बढेगा।

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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की काफी फौज अफगानिस्तान बार्डर पर है और कुछ आंतरिक स्तर पर मोर्चा ले रही है। ऐसे में वह कुछ बड़ा करने की स्थिति में है भी नहीं। वह अभी सिर्फ दो चीज कर सकता है। पहली हमारे बार्डर आउटपोस्ट पर फायरिंग और दूसरा सरहद से सटे सिविल एरिया में डर फैलाने के लिए गोलाबारी।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नहीं है युद्ध की संभावनाः भंडारी

कारगिल जंग में डिप्टी डीजी मिलट्री ऑपरेशन व रक्षा विशेषज्ञ ले जनरल (अप्रा) मोहन चंद्र भंडारी ने सर्जिकल स्ट्राइक को सेना की तय कारवाई करार दिया। साथ ही कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने सेना की सुनी और हमले की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद युद्ध की संभावना नहीं है।
जागरण से दूरभाष पर दिल्ली से बात करते हुए ले. जनरल भंडारी ने कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए देश में पक्ष और विपक्ष एक है। पाक को साफ सन्देश दिया गया है कि वह अब भी चेत जाए। वर्ना उसका नामो निशान नहीं रहेगा।


भंडारी के अनुसार सर्जिकल स्ट्राइक एक रात के ऑपरेशन होते हैं। इसमें सेना सुबह होने से पहले अपने कैंप लौट आती है। उन्होंने बताया कि भारत अविभाजित कश्मीर को अपना अटूट हिस्सा मानता है। इसलिये यह कार्रवाई की गई।

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उन्होंने कहा कि यदि 1947 में सेना की बात तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू मानते तो कश्मीर समस्या ही नहीं होती। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद युद्ध की संभावना नहीं है। पूरी दुनियां को यह बताया गया है।

गीदड़ भभकी से भारत डरने वाला नहीं: दान सिंह
कारगिल युद्ध लड़ चुके जाट रेजीमेंट के सेवानिवृत्त नायक एवं चंपावत निवासी दान सिंह मेहता भारतीय सेना की कार्रवाई से बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि सेना ने उड़ी में हुए हमले का बदला लेने के साथ ही यह संदेश दिया कि भारत पाकिस्तान की परमाणु बम से हमला करने की गीदड़ भभकी से डरने वाला नहीं है।


उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में घुस कर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए सेना को छूट देकर नरेंद्र मोदी ने साबित कर दिया है कि वे 56 इंच के सीने वाले ही प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि अगर पाक सेना प्रतिउत्तर में भारत पर हमला करती है तो भारतीय सेना उसका करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह सक्षम है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।

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पाकिस्तान को मिला करारा जवाबः कर्नल अधिकारी
पूर्व सैनिकों के संगठन चंपावत टाइगर्स के अध्यक्ष व सेवानिवृत्त कर्नल सुरेश अधिकारी कहते हैं कि भारत ने उड़ी में हुए हमले का जवाब पाकिस्तान में घुस कर जवाब दिया है। इसके लिए भारतीय सेना बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि जिन कैंपों को भारतीय सेना ने नष्ट किया, उनमें पाकिस्तान की ओर से सर्दियां शुरू होने से पहले आतंकवादियों को भारतीय सीमा में दाखिल करने के इरादे से रखा जाता है।


उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के हमले में हताहतों की संख्या काफी अधिक हो सकती है, लेकिन पाकिस्तान इसकी पुष्टि नहीं करेगा। क्योंकि उसे हर मरने वाले की जानकारी भी विश्व के सामने रखनी होगी। ऐसा करने पर उसकी पोल खुल जाएगी।

बार्डर में सेना को मिले खुली छूटः चौहान
ऑपरेशन ब्लू स्टार और कारगिल युद्ध में शामिल टिहरी निवासी रिटायर्ड सूबेदार मेजर मकान सिंह चौहान का कहना है कि अब आर्मी को बॉर्डर पर खुली छूट दे देनी चाहिए। आर्मी पकिस्तान को तभी सबक सीखा पाएगी। साथ ही शहीदों को भी यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि इस बार लड़ाई के जरिये पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाना चाहिए।सिर्फ आर्मी नहीं बल्कि नेवी और एयर फोर्स को भी ऐसी कार्रवाई में हिस्सा लेना चाहिए।

हर मोर्चे पर घेरना होगा पाकिस्तान को
देहादून निवासी ले जनरल गंभीर सिंह नेगी ने कहा कि एक धारणा बनने लगी थी कि लगातार हमले होते रहेंगे और हम बस बयानबाजी ही करते रहेंगे। भारत के इस कदम से हमने यह बता दिया कि भारत जवाब देना जानता है। यही होना भी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कुछ भी करता है तो तुरंत उसका जवाब दिया जाना चाहिए। कूटनीतिक, सामरिक व रणनीतिक मोर्चे पर हर तरह से उसे घेरना होगा। सिंधु जल समझौते से लेकर सार्क पर हमने जो स्टैंड लिया उससे पाकिस्तान दबाव में है। विश्व में उसे अलग-थलग करने की मुहिम रंग लाई तो आर्थिक मोर्चे पर भी उसके लिए बडा झटका होगा।
उन्होंने कहा कि जहां तक जवाब देने की बात है। सीधी जंग लडने की कूव्वत पाकिस्तान में नहीं है। वह एक नहीं कई बार मुंह की खा चुका है। पाकिस्तान केवल आतंकवाद को पालना या गीदड भभकियां ही देना जानता है।
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इस तरह की ही भाषा समझ आती है पाकिस्तान को
कारगिल युद्ध में अपना एक पैर गंवाने वाले सेना मेडल से सम्मानित ऋषिकेश निवासी सूबेदार दिगंबर सिंह बिष्ट ने भारत की इस करवाई को इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने जिस तरह से कूटनीतिक मोर्चे के साथ-साथ सीमा में घुसकर सर्जिकल ऑपरेशन में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है वह बेहतरीन कदम है। भारत को अब इसी आक्रमकता के साथ पाकिस्तान को जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सेना हर तरह के युद्ध के लिए सक्षम है, पाकिस्तान को इसी तरह की भाषा समझ में आती है।

भारत की कार्रवाई पर देशवासियों को गर्वः कांडपाल


पूर्व सैनिक लीग के जिलाध्यक्ष ले. कर्नल (अप्रा) बीडी कांडपाल का कहना है कि अब तक आर्मी के हाथ राजनीतिज्ञो ने बांध रखे हैं। पहली बार पीएम मोदी ने साहसिक कदम उठाकर पाकिस्तान को एक दृढ़ सन्देश दिया है कि भारत अब झुकेगा नही। ऐसे मामलों में अब हमें यह भी नही सोचना चाहिए कि दुनिया क्या कहेगी। पाक की हरकतें लंबे समय से भारत के खिलाफ बढ़ती जा रही थी। हमें पीएम और अपनी सेना पर गर्व है।

मुहंतोड़ जवाब देना था जरूरी


हल्द्वानी निवासी कैप्टन (अप्रा) डीएस खर्कवाल ने कहा कि पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब देना जरूरी था। बार-बार के आतंकी घटनाओं से लोगों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में बैठे अलगाव फैलाने वालों पर भी ऐसी ही कार्रवाई होनी चाहिए। उड़ी हमला इतना आसान नहीं था। भारतीय सेना पकिस्तान की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने में सक्षम है। सेना ने साबित कर दिखाया भारतीय सेना कुछ भी कर सकती है। जरूरत सेना को छूट देने की है।


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