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    आधी रात तक चले विस सत्र में विपक्ष का हंगामा, सत्र अनिश्चितकाल को स्थगित

    By BhanuEdited By:
    Updated: Fri, 16 Jun 2017 04:48 PM (IST)

    बजट सत्र का अंतिम दिन हंगामे के साथ खत्म हुआ। कांग्रेस के विधायकों ने वेल में पहुंचकर नारेबाजी की। साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने पांच साल सदन का बहिष्कार करने की चेतावनी दी।

    आधी रात तक चले विस सत्र में विपक्ष का हंगामा, सत्र अनिश्चितकाल को स्थगित

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: बजट सत्र का अंतिम दिन हंगामे के साथ खत्म हुआ। लगभग आधी रात तक सदन संचालित करने और बिना कार्यमंत्रणा समिति की जानकारी के अनुपूरक कार्यसूची दिए जाने पर कांग्रेस के विधायकों ने वेल में पहुंचकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने सत्ता पक्ष पर संख्या बल के आधार पर विपक्ष को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया। साथ ही इस मामले पर खेद नहीं जताए जाने पर नेता प्रतिपक्ष ने पांच साल सदन का बहिष्कार करने की चेतावनी दी। 

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    बजट सत्र निर्धारित तिथि से पांच दिन पूर्व ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। अंतिम दिन सत्ता पक्ष ने तमाम विभागों के बजट पारित कराने के साथ ही विनियोग विधेयक, भूगर्भ जल विकास एवं प्रबंधन का विनियमन एवं नियंत्रण(निरसन) विधेयक-2017 और उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2017 पारित किए। 

    रात्रि 11 बजे के बाद भी सदन की कार्यवाही जारी रहने पर विपक्ष ने आपत्ति जताई। इसे लेकर काफी देर हंगामा चला। इसके बाद किसी तरह कार्यवाही शुरू हुई तो अनुपूरक कार्यसूची मिलने पर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया। 

    विपक्ष ने वॉकआउट किया और वापस आकर वेल में खड़े होकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार विपक्ष को अंधेरे में रख काम करना चाहती है। उन्होंने सत्ता पक्ष को चेताया कि यदि संख्या बल के दम पर सत्ता पक्ष ने ये रवैया रखा तो विपक्ष पांच साल तक सदन का बहिष्कार करेगा। 

    इस बीच सदन की कार्यवाही चलती रही और विपक्ष नारेबाजी करता रहा। इस दौरान प्रवर समिति की सिफारिशों के साथ लोकायुक्त और तबादला विधेयक तथा ढैंचा बीच घोटाले पर त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट पर एक्शन टेकन रिपोर्ट सदन के पटल पर रख दी गई। इसके बाद सदन को अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

    14 महकमों के बजट पारित

    गुरुवार को देर रात्रि तक चली सदन की कार्यवाही के दौरान चार महकमों विधानसभा, मंत्रिपरिषद, न्याय प्रशासन और राज्य लोक सेवा आयोग के बजट बगैर विपक्ष के कटौती प्रस्ताव के पारित किए गए।

    वहीं राजस्व एवं सामान्य प्रशासन का 1251.21 करोड़, पुलिस एवं जेल का 726.37 करोड़, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण का 1239.75 करोड़, सूचना का 30.11 करोड़, समाज कल्याण महकमे का 925.98 करोड़, ग्राम्य विकास का 1454.41 करोड़, ऊर्जा का 92.72 करोड़, लोक निर्माण कार्य के लिए 1176.67 करोड़, 156.16 करोड़ और खाद्य व नागरिक आपूर्ति का 166.40 करोड़ का बजट पारित किया गया। बहुमत के चलते विपक्ष के उक्त दस महकमों के लिए लाए गए कटौती प्रस्ताव अस्वीकृत हो गए।

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