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    नेता प्रतिपक्ष इंदिरा का आरोप, प्रचंड बहुमत में अहंकारी हो गई सरकार

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sat, 17 Jun 2017 04:49 PM (IST)

    नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कार्यमंत्रणा समिति में विषयों को लाए बगैर सदन में पेश करने पर नाराजगी जताते हुए पांच साल तक कार्यमंत्रणा समिति के बहिष्कार की चेतावनी दी है।

    नेता प्रतिपक्ष इंदिरा का आरोप, प्रचंड बहुमत में अहंकारी हो गई सरकार

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: कांग्रेस को सरकार की ओर से बीती मध्य रात्रि एकाएक सदन में ढैंचा बीज पर त्रिपाठी आयोग की जांच रिपोर्ट और लोकायुक्त व तबादला विधेयकों पर प्रवर समितियों की रिपोर्ट रखना सख्त नागवार गुजरा है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कार्यमंत्रणा समिति में उक्त विषयों को लाए बगैर सदन में पेश किए जाने पर नाराजगी जताते हुए अगले पांच साल तक कार्यमंत्रणा समिति के बहिष्कार की चेतावनी दी है। 

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    साथ में यह भी कहा कि विपक्ष के इस फैसले से भविष्य में किसी भी तरह के संवैधानिक संकट के लिए सरकार जिम्मेदार होगी। वहीं विपक्ष के तेवरों को भांप विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत नेता प्रतिपक्ष डॉ. हृदयेश के आवास पर पहुंचे। मुलाकात के दौरान काबीना मंत्री पंत ने नेता प्रतिपक्ष के सामने वस्तुस्थिति स्पष्ट की। 

    उन्होंने कहा कि सरकार की नीति सबको साथ लेकर चलने की है। उधर, सरकार को घेरने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं दे रही कांग्रेस में अंदरखाने खींचतान भी तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष और उप नेता कांग्रेस विधानमंडल दल करन माहरा ने अलग-अलग पत्रकार वार्ता कर सरकार पर हमला बोला। 

    सदन में गुरुवार मध्य रात्रि तक चली सदन की कार्यवाही के आखिर में त्रिपाठी आयोग की जांच रिपोर्ट के साथ ही प्रवर समितियों के प्रतिवेदन रखने का एकमात्र विपक्षी दल कांग्रेस ने विरोध किया था। पार्टी ने कार्यमंत्रणा समिति में चर्चा के बगैर ही अनुपूरक कार्यसूची लाने और सदन में उक्त तीनों रिपोर्ट रखने को सदन और विपक्ष का अपमान करार दिया है। 

    अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि देशभर में विभिन्न विधानसभाओं में कार्यमंत्रणा समिति में विचार के बगैर ही अनुपूरक कार्यसूची को लाने का उदाहरण नहीं मिलता। प्रचंड बहुमत से जीतकर आई सरकार अहंकार में काम कर रही है। विपक्ष के विरोध को यह कहते हुए नजरअंदाज किया गया कि सदन सर्वोच्च है। ऐसा है तो सरकार भविष्य में कार्यमंत्रणा समिति के बजाए सदन में ही कार्यसूची पर मुहर लगाए। 

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगले पांच सालों तक कार्यमंत्रणा समिति की बैठकों में भाग नहीं लेगी। कांग्रेस की ओर से उनके साथ ही वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल और विधायक व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह कार्यमंत्रणा समिति में शिरकत नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने धोखा देकर संविधान विरुद्ध कार्य किया है। 

    पंत ने रखा सरकार का पक्ष

    कांग्रेस के रोष को भांप विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने डॉ. हृदयेश से उनके आवास पर मुलाकात कर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा किसी के अपमान का नहीं है। विधानसभा सचिवालय को प्राप्त होने वाले विषयों को सदन के पटल पर पहले से ही रखने की परंपरा रही है। 

    सदन में चर्चा, मतदान या पारित कराने की स्थिति में कार्यमंत्रणा समिति में संबंधित विषयों को कार्यमंत्रणा समिति में रखा जाएगा। इस बारे में विपक्ष की गलतफहमी को दूर करने का प्रयास किया गया है। 

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