मसूरी में 1914 में अस्तित्व में आया था उत्तर भारत का पहला सिनेमा हॉल
उत्तर भारत का पहला पिक्चर पैलेस वर्ष 1914 में मसूरी में अस्तित्व में आया था। इस पिक्चर पैलेस का नाम द इलेक्ट्रिक पिक्चर पैलेस था।
मसूरी, [सूरत सिंह रावत]: वर्ष 1914 में मसूरी में उत्तर भारत का पहला द इलेक्ट्रिक पिक्चर पैलेस अस्तित्व में आया था। तब मसूरी की आबादी 6552 हुआ करती थी।
यह दौर मूक फिल्मों का था और फिल्म दिखाए जाने के समय पार्श्व में बैंड बजता था। साठ के दशक में मसूरी में सात सिनेमा हाल हो गए, लेकिन 20वीं सदी के आखिर में यहां एक भी सिनेमा हाल नहीं बचा। ..लगभग 20 साल बाद एक अछी खबर।
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अब मसूरी को ‘रिट्ज’ नाम एक मल्टीप्लेक्स सिनेमा हाल मिल रहा है, जिसका शुभारंभ आज होगा। इतिहासकार जय प्रकाश उत्तराखंडी बताते हैं कि 1914 में खुले द इलेक्टिक पिक्चर पैलेस में पहली फिल्म ‘द होली नाइट’ दिखाई गई थी। बाद में मसूरी में जुबली, बसंत पैलेस, रॉक्सी सिनेमा, कैपिटल, रियाल्टो व मैजेस्टिक नाम से सिनेमा हाल खुले और साठ के दशक तक इनकी संख्या हो गई।
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इन सभी में फिल्मों का प्रदर्शन हुआ करता था। लेकिन, वक्त ने करवट बदली और 20वीं सदी के आखिर तक एक के बाद एक सिनेमाहाल बंद होने लगे। द इलेक्टिक पिक्चर पैलेस पर भी सदी के अंतिम दशक में ताला पड़ गया और प्रसिद्ध पर्यटन नगरी सिनेमा हाल विहीन हो गई।
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