जितनी ऑक्सीजन यहां मिल सकती है, उतनी मुंबई में कहां: जितेंद्र
अपने जमाने के बॉलीवुड सुपरस्टार जितेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड जैसी तजागी मुंबई में कहां। मेरा सौभाग्य है कि मुझे उत्तराखंड आने का मौका मिला।
देहरादून, [जेएनएन]: 'पहली बार उत्तराखंड आया हूं। यहां की जमीन पर पांव रखते ही ताजगी का अहसास हुआ। जितनी ऑक्सीजन यहां मिल सकती है, उतनी मुंबई में कहां। लेकिन, जीना वहां, मरना वहां, उसके बिना जाना कहां।' अपने जमाने के बॉलीवुड सुपरस्टार जितेंद्र ने कुछ इस अंदाज में उत्तराखंड की खूबसूरती और आबोहवा की तारीफ की।
बीते रोज देहरादून में उत्तराखंड सुपर लीग के उद्घाटन समारोह में बतौर अतिथि शिरकत करने पहुंचे जितेंद्र मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा, मेरा सौभाग्य है कि मुझे उत्तराखंड आने का मौका मिला। साथ ही मुझे खुशी है कि मैं उत्तराखंड सुपर लीग से जुड़ा। खेल हमें स्वस्थ रखता है। हमारा उद्देश्य भी यही होना चाहिए कि फुटबॉल के माध्यम से हम लोगों को खेलों से जुड़ने का संदेश दे सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का राज्य खेल होने के नाते यहां के खेल प्रेमियों को फुटबॉल के विकास में सहयोग करना चाहिए। यूएसएल जरूर फुटबॉल और फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए अच्छा प्लेटफार्म साबित होगा।
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दिमागी नेटवर्क को दुरुस्त रखते हैं खेल: राजपाल
यूएसएल में शिरकत करने पहुंचे हास्य अभिनेता राजपाल यादव का कहना है कि खेल से हमारा ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। यह हमारे दिमागी नेटवर्क को दुरुस्त रखता है। मुझे खुशी है कि आयोजकों ने इस आयोजन से जुडऩे का मौका दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से मुझे बहुत लगाव है। यदि उत्तर प्रदेश मेरी मां है तो उत्तराखंड मौसी। यहां आकर सुकून मिलता है।
फिल्मों के बारे में उन्होंने कहा कि आगामी दो-तीन साल में उनकी पांच-छह फिल्म सिल्वर स्क्रीन पर देखने को मिलेंगी, जिनमें वह मुख्य भूमिका में है। कहा कि क्रिकेट जहां कुछ देशों में खेला जाता है, वहीं फुटबाल दो सौ से ज्यादा देश खेलते हैं। यही इस खेल को बड़ा बनाता है। निश्चित तौर पर यूएसएल के आयोजन से उत्तराखंड के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा, साथ में इस खेल का विकास होगा।
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