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    देश को महफूज रखता है शहीदों का बलिदान

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 19 Oct 2017 03:52 PM (IST)

    शहीदों का बलिदान देश को महफूज रखता है। ऐसे में उनके परिवारों के प्रति हमारा भी कर्तव्य है कि उनका ध्‍यान रखें।

    देश को महफूज रखता है शहीदों का बलिदान

    देहरादून, [जेएनएन]: अगर आज हम खुद को महफूज महसूस कर रहे हैं तो सीमा पर तैनात सैनिकों की वजह से। जब हम कड़कड़ाती सर्दी में घरों में आराम से सोते हैं तो सीमा पर तैनात जवान देश की सरहद की निगरानी करते हैं। सीमाओं पर तैनात इन जवानों से भले ही हमारा कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन कहीं न कहीं वह हमारे लिए ही त्याग कर रहे हैं। ऐसे में हमारा भी कर्तव्य है कि हम उनकी हौसलाअफजाई करें और महसूस न होने दें कि वे अकेले हैं। खासकर जो जवान शहीद हुए हैं, उनके परिवारों के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी बनती है। ऐसे में दैनिक जागरण की मुहिम 'एक दीया शहीदों के नाम' के तहत शहीदों को नमन किया गया।

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    इस अभियान की कड़ी में बुधवार को दैनिक जागरण की ओर से कारगी रोड स्थित नारायण विहार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान दैनिक जागरण ने नंदित फाउंडेशन और लायन क्लब दून शक्ति के साथ शहीदों को नमन किया। कार्यक्रम में संस्था से जुड़ी महिलाओं के साथ आसपास के लोगों ने एक दीया शहीदों के नाम जलाकर श्रद्धांजलि दी। 

    नंदित फाउंडेशन और लायन क्लब दून शक्ति की फाउंडर अनुजा मोहन गुप्ता ने कहा कि सेना के जवान अपनी जान पर खेलकर पूरे देश की रक्षा करते हैं और हमें चैन से सोने की आजादी देते हैं। इसलिए जवानों के प्रति हमारा भी कर्तव्य बनता है। सभी को चाहिए कि वह इस दीपावली एक दीया शहीदों के नाम भी जलाएं। इस दौरान क्लब की सचिव नीता मोहन भी मौजूद रहीं

    अपील

    जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन का कहना है कि सैनिक दिन रात ड्यूटी कर अपने परिवार को छोड़कर देश की रक्षा के लिए डटे हुए होते हैं और अपनी नौकरी के दौरान ही शहीद हो जाते हैं। इसलिए इस दीपावली जब आप घर में खुशियां मनाएं तो एक दीया उन शहीदों के नाम पर भी जलाएं, जो हमारी रक्षा करते-करते शहीद हो गए। साथ ही उन शहीदों के परिजनों को भी नमन करें, जिन्होंने ऐसे सपूत को जन्म दिया।

    एसएसपी  निवेदिता कुकरेती का कहना है कि होली हो या दीपावली हम अपने परिवार के साथ होते हैं, लेकिन हमारी सेना के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ सरहदों की रखवाली करते हैं। हम त्योहारों की खुशियों को उन वीर सैनिकों के परिवारों के साथ तो बांट ही सकते हैं। इसलिए हम सभी को चाहिए कि इस दीपावली पर एक दीया उन शहीदों के नाम के लिए भी जलाएं, जिनकी वजह से हम खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं।

     अभिनेत्री रूप दुर्गापाल का कहना है कि  सीमा पर तैनात जवानों की वजह से ही हम अपने त्योहारों को पूरे उल्लास के साथ मनाते हैं। जब वे सीमा पर डटे होते हैं, तब हम अपने परिवार के साथ खुशियां मना रहे होते हैं। तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हम उन बहादुर सैनिकों के लिए भी एक दीया जलाएं। उनके परिवार के साथ मिलकर खुशियां बांटे। उनके परिवार को अकेला न छोड़े।

    मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल अनुकृति गुसाईं का कहना है कि 'एक दीया शहीदों के नाम' दैनिक जागरण की यह एक बेहतर मुहिम है। हमारा फर्ज बनता है कि कम से कम हम अपनी खुशियों के दीये में से एक दीया उन शहीद सैनिकों के नाम पर भी जलाएं, जिन्होंने सीमा की रक्षा करते हुए अपने जीवन कुर्बान कर दिया। हम अपनी खुशियां उन परिवारों के साथ बांटे, जिन्होंने हमारी खुशियों के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। मेरी आप सबसे अपील है कि जागरण की इस मुहिम के साक्षी बनें।

    अभिनेत्री चित्राशी रावत का कहना है कि हम घरों में पटाखे फोड़ रहे होते हैं तो वे सीमा पर दुश्मनों से लोहा ले रहे होते हैं। वे हैं तभी तो हमारी खुशियां हैं। हमारा भी फर्ज बनता है कि हम उनके लिए कुछ करें। दीपावली पर हमें अपने आंगन में कम से कम एक दीया उन वीर शहीदों के नाम पर जलाना चाहिए, जिन्होंने हमारी रक्षा करते हुए अपने प्राण त्याग दिए। उन जवानों के नाम पर दीये जलाएं जो सीमा पर हमारी रक्षा के लिए जुटे हुए हैं।

    अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मानसी जोशी का कहना है कि जब हम ठंड में रजाई पर होते हैं तो वो बर्फ पर खड़े होकर सीमा की रक्षा कर रहे होते हैं। जब हम अपने घरों में त्योहार मना रहे होते हैं तो वे घर से हजारों किलोमीटर दूर अपने घरों को मिस कर रहे होते हैं। उन सैनिकों को हमारा सलाम, जिन्होंने हमारी रक्षा के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। मेरी आप सभी से अपील है कि दैनिक जागरण की इस मुहिम से जुड़े और शहीद सैनिकों के नाम पर अपने घर में एक दीया जरूर जलाएं।

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