निर्वाचित संस्थाएं भंग करने की भाजपा रच रही साजिश: इंदिरा
नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने राज्य सरकार पर सियासी हमला बोला। कहा कि सरकार सहकारिता और पंचायतों में कांग्रेस की निर्वाचित इकाइयों को अपदस्थ करने की साजिश रच रही है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने राज्य में सहकारिता और पंचायतों में कांग्रेस की निर्वाचित इकाइयों को अपदस्थ करने की कोशिशों को लेकर सरकार की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की साजिश का करारा जवाब देने के लिए कांग्रेस अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। साथ ही सड़क से लेकर सदन तक सरकार के खिलाफ विरोध को बुलंद किया जाएगा।
न्यू कैंट रोड स्थित आवास पर पत्रकारों से मुखातिब नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सहकारी और पंचायत क्षेत्रों में कांग्रेस की निर्वाचित इकाइयों को जबरन भंग किया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सरकार की नीति का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा था। इसके बावजूद सरकार की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न रोकने के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए गए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विपक्ष के साथ बातचीत का शिष्टाचार निभाने की जरूरत महसूस नहीं की। प्रचंड बहुमत के चलते सरकार अहंकार में काम कर रही है। सरकार के इस रुख के खिलाफ बुधवार को कांग्रेस की ओर से धरना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्वाचित संस्थाओं को भंग करने के मामले में कांग्रेस अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
उन्होंने राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड के खाते में नहीं आने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड लंबे अरसे से तैयारी कर रहा था। इस संबंध में तैयारी पर काफी पैसा खर्च किया जा चुका है।
राष्ट्रीय खेलों के लिए राज्य को केंद्र सरकार से भी पैसा मिलना था, लेकिन सरकार की उदासीनता से राज्य की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। उन्होंने नगर निकायों की सीमा विस्तार और गांवों को जबरन मिलाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में कांग्रेस की मजबूत पकड़ देखते हुए सरकार ग्राम प्रधानों को बेदखल करना चाहती है। उनका दो साल से ज्यादा कार्यकाल शेष है, इसके बावजूद नगर निकायों की सीमा बढ़ाकर उन्हें प्रधानी से बेदखल करने की नीति पर काम किया जा रहा है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
उन्होंने भाजपा प्रदेश कार्यालय में मंत्रियों के जनता दरबार लगाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसे जनता दरबार पार्टी कार्यालय के बजाए सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाने चाहिए, ताकि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जन समस्याओं का प्रभावी तरीके से समाधान किया जा सके। उन्होंने राज्य में सड़कों की बदहाली को लेकर भी सरकार को कोसा।
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