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आइआइटी में सीट छोड़ना पड़ेगा भारी, नहीं मिलेगी जेईई एडवांस में एंट्री

अब आइआइटी में दाखिला लेने के बाद सीट छोड़ना भारी पड़ेगा। ऐसा करने वाले जेईई एडवांस में एंट्री नहीं ले सकेंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 28 Nov 2017 03:27 PM (IST)Updated: Tue, 28 Nov 2017 10:42 PM (IST)
आइआइटी में सीट छोड़ना पड़ेगा भारी, नहीं मिलेगी जेईई एडवांस में एंट्री
आइआइटी में सीट छोड़ना पड़ेगा भारी, नहीं मिलेगी जेईई एडवांस में एंट्री

देहरादून, [जेएनएन]: अगर आपने आइआइटी में दाखिले के बाद सीट छोड़ी तो जेईई एडवांस में एंट्री नहीं मिलेगी। फिर चाहे आप जेईई मेन में कितना ही अच्छा स्कोर क्यों न कर लें। 

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इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी परीक्षा, ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) मेन का आयोजन आठ अप्रैल को किया जाएगा। जेईई मेन एग्जाम से क्वालीफाई होने वाले शीर्ष 2.24 लाख अभ्यर्थियों को आइआइटी दाखिलों की प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस में शामिल होने का मौका मिलेगा। लेकिन, ऐसे छात्र जिन्होंने बिना किसी ठोस कारण आइआइटी की सीट छोड़ी है उन्हें इस गलती की सजा भुगतनी पड़ेगी। 

ऐसे छात्र जिन्होंने जेईई 2017 की परीक्षा पास की और काउंसिलिंग में भाग लेकर सीट भी बुक कराई, लेकिन अंतिम राउंड की काउंसिलिंग से पहले सीट कैंसिल करा ली और दाखिला नहीं लिया। ऐसे छात्र इस बार की जेईई एडवांस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। लेकिन, जिन्होंने सीट अलॉट होने के बाद आइआइटी में पढ़ाई नहीं की और सीट खराब कर दी, उस छात्र को मौका नहीं मिलेगा। 

प्रबंधक निदेशक अविरल क्लासेज डीके मिश्रा ने बताया कि सीट आवंटित होने के बाद ऐसे उम्मीदवारों की संख्या काफी कम होती है, जो बिना विड्रॉल किए सीट छोड़ देते हैं। हालांकि कई बार बेहतर आइआइटी न मिल पाने के चलते अभ्यर्थी अनजाने में ऐसा कर बैठते हैं, जबकि नियमों के तहत यह बेहद घातक है। 

वहीं वीआर क्लासेज के एमडी वैभव राय का कहना है कि जिन अभ्यर्थियों ने आवंटित सीट बिना वापस किए सीट खाली छोड़ी, उन्हें जेईई मेन उत्तीर्ण करने के बाद भी जेईई एडवांस में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। ऐसे में अभ्यर्थी ने न सिर्फ अपना एडवांस देने का मौका खो दिया है, बल्कि उनका आइआइटी में एडमिशन का सपना भी कभी पूरा नहीं होगा। 

75 फीसद अंक जरूरी 

जेईई एडवांस को क्लीयर करने वाले उन्हीं छात्रों को दाखिला मिलेगा, जिनके 12वीं में 75 फीसद अंक हैं। अगर छात्र आरक्षित श्रेणी से हैं तो उनके लिए 65 फीसद अंकों की अनिवार्यता है या वह बोर्ड के परिणाम में 20 पर्सेंटाइल में शामिल हों। यह फैसला इसलिए किया गया है क्योंकि कई बार बच्चे मेरिट में आ जाते हैं, लेकिन 20 पर्सेंटाइल में नहीं आ पाते और दाखिले से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में तय किया गया है कि या तो छात्र के 20 पर्सेंटाइल हों या फिर उसके बोर्ड में 75 फीसद अंक हो तभी जेईई एडवांस क्लीयर करने के बाद उसे आइआइटी में दाखिला मिलेगा। 

आधार बिना आवेदन नहीं 

जेईई मेन में आप आधार कार्ड के बिना ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाएंगे। सीबीएसई ने सभी उम्मीदवारों को सलाह दी है कि वह आधार कार्ड पर अपना नाम, जन्म तिथि और जेंडर आदि सभी जानकारियां पहले ही दुरुस्त करा लें। यह सुनिश्चित कर लें कि यह सभी जानकारियां आपके स्कूल के प्रमाण पत्रों के मुताबिक हों। अगर इसमें कोई खामी है तो इसका तुरंत सुधार कर लें। 

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