Move to Jagran APP

बदले की भावना से काम कर रहे मुख्यमंत्री: हरक सिंह रावत

भाजपा नेता हरक सिंह रावत ने कहा कि सीएम हरीश रावत सीबीआइ जांच से क्‍यों बच रहे हैं। उनको उनकी करनी की सजा मिलेगी। मेरे ऊपर लगा रहे सारे आरोप बेबुनियाद हैं।

By sunil negiEdited By: Published: Mon, 23 May 2016 06:27 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2016 08:36 PM (IST)

राज्य ब्यूरो (देहरादून)। हाल ही में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस भूमि प्रकरण पर हाईकोर्ट भी अपना निर्णय दे चुका है, उस मामले में फिर से विद्वेष की भावना से एसआइटी जांच कराई जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर अन्य कई गंभीर आरोप भी लगाए। डॉ. रावत ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि यदि वे इतने पाक साफ हैं तो फिर अपनी और उनकी संपत्तियों की सीबीआइ जांच कराने की संस्तुति करें।

loksabha election banner

पढ़ें:-मुख्यमंत्री हरीश रावत दिल्ली रवाना, कल सीबीआइ के सामने होंगे पेश

आज यमुना कालोनी स्थित आवास में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व काबीना मंत्री ने कहा कि 18 मार्च को जब उन्होंने और उनके साथियों ने सरकार का विरोध किया, तो उससे बौखलाकर हरीश रावत ने बदले की भावना से काम शुरू कर दिया। स्थिति यह है कि हार्टीकल्चर, टी-बोर्ड व चकबंदी आदि विभागों में उपनल के जरिए लगाए गए युवा बेरोजगार निकाले जा रहे हैं। उनका मकसद प्रदेश का विकास नहीं बल्कि दोबारा प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना है। उन्होंने कहा कि बेनामी कानून के संबंध में कभी भी मुख्यमंत्री ने उनसे बात नहीं की। कैबिनेट में जब यह मामला आया था तो उन्होंने इसका स्वागत किया था। हरीश रावत यदि सही हैं तो वे अपने इष्टदेवता की कसम खाकर यह बात कहें। अब सरकार ने सहसपुर की जमीन के मामले में एसआइटी जांच बिठा दी है।
पढ़ें:-यूकेडी एक जून से शुरू करेगी 'उत्तराखंड बचाओ-उत्तराखंड बसाओ' अभियान

उत्तराखंड पुलिस के सिपाही दिल्ली जाकर पूछताछ कर रहे हैं। जिस जमीन की जांच की जा रही है, उस मामले में काफी पहले शिकायत की गई थी। पुलिस ने भी मामले में केवल शिकायतकर्ता का पक्ष लिया था। शिकायतकर्ता का कहना था कि सुशीला देवी व सावित्री देवी अलग-अलग महिलाएं हैं और जमीन गलत तरीके से खरीदी गई है, जबकि कोर्ट ने इस मामले में शिकायत को गलत पाया था। उन्होंने कई दस्तावेज भी दिखाए, जिसमें सुशीला रानी व सावित्री देवी को एक ही महिला माना गया है।
डॉ. रावत ने मुख्यमंत्री पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि खटीमा, नोएडा व गुड़गांव में करोड़ों की संपत्ति किस की है।

बंगलौर के एक व्यवसायी के जरिए जो पैसा लगाया गया है, वह किसका है। पिछले दो साल में उन्होंने खनन, आबकारी व भूमि के मामलों में करोड़ों रुपये कमाए हैं। मुख्यमंत्री यदि पाक साफ हैं तो मेरी और अपनी संपत्ति की सीबीआइ जांच कराने की संस्तुति करें। उन्होंने कहा कि वे हर जांच व जेल जाने तक को तैयार हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। खनन वालों को पांच साल तक की छूट दी है। आबकारी में एक ब्रांड फिर से छा गया है। स्थिति है कि मुख्यमंत्री सीबीआइ जांच से भागने के लिए कभी हाईकोर्ट, कभी स्वास्थ्य व कभी सीनियर सिटीजन का हवाला दे रहे हैं। क्या दिल्ली में सोनिया व राहुल गांधी से मिलने के लिए उन्होंने ऐसा कोई हवाला दिया। यदि वे सच्चे हैं तो सीबीआइ का सामना करें।

मैने नहीं किया स्टिंग
पूर्व काबीना मंत्री हरक सिंह ने कहा कि विधायक मदन बिष्ट का स्टिंग उन्होंने नहीं किया था। राजनीति में विश्वास होना चाहिए। यह बात दोनों तरफ लागू होती है। उन्होंने कहा कि जब वे घर से बाहर बालकनी में उन्हें रास्ता बताने गए थे तब किसी ने पीछे से चुपचाप कैमरा लगा दिया। जब उन्हें यह बात पता चली तो उन्होंने ऐसा करने वाले को काफी डांटा भी था। हालांकि, उन्होंने कहा कि मैं मदन बिष्ट के व्यवहार से दुखी हूं, उसने विश्वासघात किया था। रावत ने कहा, बहरहाल, मदन मेरा छोटा भाई है और मैं उनके लिए कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।

पढ़ें:-उत्तराखंड को कांग्रेस और भ्रष्टाचार मुक्त राज्य है बनाना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.