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    हाथियों का काल बना हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक, 29 साल में 24 हाथियों की मौत

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Sun, 16 Oct 2016 12:19 PM (IST)

    एशियाई हाथियों की सैरगाह राजाजी टाइगर रिजर्व से गुजर रहा हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक न सिर्फ हाथियों के स्वच्छंद विचरण में अड़चन बन रहा, बल्कि उनकी जान पर भी भारी पड़ रहा।

    ऋषिकेश, [दीपक जोशी]: एशियाई हाथियों की सैरगाह राजाजी टाइगर रिजर्व से गुजर रहा हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक न सिर्फ हाथियों के स्वच्छंद विचरण में अड़चन बन रहा, बल्कि उनकी जान पर भी भारी पड़ रहा। 29 साल पहले राजाजी नेशनल पार्क के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक इस ट्रैक पर ट्रेन से कटकर 24 हाथियों को जान गंवानी पड़ी है। एलीफेंट टास्क फोर्स के आंकड़ों पर गौर करें तो हाथियों की मौत के मामले में उत्तराखंड तीसरे नंबर पर है।

    देशभर में वर्ष 1987 से अब तक ट्रेन की चपेट में आकर 156 हाथियों की जान जा चुकी है। सबसे ज्यादा हादसे असोम (असम) के हैं, जबकि पश्चिम बंगाल दूसरे और उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है। उत्तराखंड में हाथियों की मृत्यु दर 14 फीसद है और इस लिहाज से उत्तराखंड देश के तीसरे सबसे असुरक्षित प्रदेश के रूप में उभरा है। एलीफेंट टास्क फोर्स (ईटीएफ) के आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में सर्वाधिक हाथियों की मौत हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक पर ही हुई है।

    गुजरे 29 सालों में हरिद्वार-देहरादून ट्रैक पर 24 हाथियों की मौत हो चुकी है। फिर भी रेलवे ट्रैक पर हाथियों की सुरक्षा के इंतजाम नदारद हैं। जबकि, केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के माध्यम से ईटीएफ राज्य सरकार को रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा के कई सुझाव दे चुका है। इनमें पार्क क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के इर्द-गिर्द अनिवार्य गश्त, कारीडोर क्षेत्र में साइन बोर्ड, टे्रन की गति 20 किमी प्रति घंटा समेत कई सुझाव शामिल हैं।

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    यही नहीं, हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाइन के विद्युतीकरण से पहले हाथियों की सुरक्षा के मद्देनजर सभी उपाय जरूरी हैं, लेकिन यह बातें अब तक केवल कागजों तक ही सिमटी हैं। धरातल पर किसी तरह के ठोस कार्य दिखाई नहीं देते।

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    एक्सप्रेस गाड़ियों की रफ्तार कम करना संभव नहीं
    उत्तर रेलवे मुरादाबाद मंडल के डीआरएम एके पुठिया ने बताया कि एक्सप्रेस गाड़ियों की रफ्तार कम करना संभव नहीं है। पार्क प्रशासन को नियमित गश्त और अन्य जरूरी उपाय बेहद संजीदगी से करने होंगे। रेलवे की तरफ से पर्याप्त सावधानी बरती जाती है। विद्युतीकरण कार्य से पहले सभी जरूरी सुरक्षा उपाय पूरे कर लिए जाएंगे।

    PICS: देहरादून-हरिद्वार ट्रैक पर ट्रेन से टकराया हाथी

    लोको पायलट की गलती से होते हादसे
    राजाजी टाईगर रिजर्व के निदेशक सनातन ने बताया कि अक्सर लोको पायलट की गलती से हादसे होते हैं। ट्रैक पर नियमित रूप से गश्त हो रही है या नहीं, इसकी समीक्षा की जाएगी। रेलवे को सुरक्षा के सभी मानक पूरे करने चाहिए।

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