हरक रावत बोले, ब्यूरोक्रेट्स के हाथों की कठपुतली है सरकार
आयुष मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि जो जुनून राज्य गठन के वक्त था वह अब कहीं गुम दिखाई पड़ता है। ब्यूरोक्रेट सर-सर कहकर व्यक्ति का दिमाग खराब कर देते हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: आयुष मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि जो जुनून राज्य गठन के वक्त था वह अब कहीं गुम दिखाई पड़ता है। ऐसा लगता है कि राज्य नेताओं और अफसरों के लिए बनाया। जो लोग पहले हाशिये पर थे वह अब भी हाशिये भी। साक्षर और प्रशिक्षित लोग पर प्रदेश में नहीं हुआ अपेक्षित विकास।
आज नगर निगम सभागार में उत्तरांचल मेडिकल एंड पब्लिक हैल्थ मिनिस्ट्रीयल एसोसिऐशन का प्रांतीय द्विवार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया। इसमें हरक सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी में ही कुछ गड़बड़ है। उस कुर्सी पर बैठकर ही व्यक्ति की मनोस्थिति बदल जाती है।
यूपी में थे तब काम होते थे पर अब नहीं होते। प्रदेश में नौकरशाही हावी। ब्यूरोक्रेट सर-सर कहकर व्यक्ति का दिमाग खराब कर देते हैं और इंसान हवा में उड़ने लगता है। यही बात निशंक को समझाता था, खंडूडी जी और बहुगुणा जी को समझाई, हरीश भाई से कही और अब त्रिवेंद्र जी से भी कहता रहता हूं।
सचिवालय में अटकी कोई फाइल महज कागजों का पुलिंदा नहीं, बल्कि कई लोगों की उम्मीद और सांसें उससे जुड़ी हैं। जनसमर्थन जुटाना आसान है पर उस जनसर्थन का ग्राफ बनाए रखना मुश्किल। हरीश रावत के पास बहाना था कि केंद्र पैसा नहीं दे रहा, हमारे पास बहाना नहीं। मेरे पास खोने को कुछ नहीं।
वर्ष 2000 में यमुना कालोनी में आवास आवंटित हुआ। तब से अब तक कई लोगों का बोरिया बिस्तर आते जाते देखा पर मैं वहीं का वहीं हूं। इस राज्य का भला वही व्यक्ति कर सकता है, जो विरोध की परवाह न करे।
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