Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चार और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि, मनमानी पर नपेंगे अस्पताल

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sat, 26 Aug 2017 10:48 PM (IST)

    जनपद देहरादून में शुक्रवार को चार और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। स्वाइन फ्लू और डेंगू के उपचार और जांच में अब निजी अस्पताल मनमानी नहीं कर सकेंगे।

    चार और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि, मनमानी पर नपेंगे अस्पताल

    देहरादून, [जेएनएन]: स्वाइन फ्लू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कोई एक दिन ऐसा नहीं छूट रहा जब स्वाइन फ्लू के नए मरीज न सामने आ रहे हों। जनपद देहरादून में शुक्रवार को चार और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इनमें तीन का हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट जबकि एक का दून अस्पताल में उपचार चल रहा है। जिसके बाद अब मरीजों की तादाद 96 पहुंच चुकी है। जबकि अभी तक 15 मरीज इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं। 

    जनपद देहरादून में स्वाइन फ्लू अब बेकाबू होता जा रहा है। जनवरी से अब तक की मरीजों की संख्या पर नजर डालें तो यह बीमारी अपना सैकड़ा पूरा करने वाली है। 

    शुक्रवार को आई रिपोर्ट में एक महिला सहारनपुर की रहने वाली है। उसका हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में इलाज चल रहा है। धर्मपुर की रहने वाली एक अन्य महिला का उपचार भी हिमालयन अस्पताल में ही किया जा रहा है। जबकि दून अस्पताल में भर्ती महिला राजीवनगर की रहने वाली है। एक अन्य मरीज में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। 

    मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. ताराचंद पंत ने बताया कि अब तक 96 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टी हो चुकी है। निजी व सरकारी अस्पताल को एहतियात बरतने को कहा गया है। जबकि लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है।

    उपचार में मनमानी पर नपेंगे निजी अस्पताल

    निजी अस्पताल अब डेंगू, स्वाइन फ्लू व मलेरिया जैसे रोगों से पीड़ित लोगों के उपचार में जांच के नाम पर मनमानी नहीं कर सकेंगे। उन्हें अब मरीज के संपूर्ण उपचार का ब्योरा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उपलब्ध कराना होगा। इसकी अनदेखी करने वाले निजी अस्पतालों पर सरकार कार्रवाई कर सकती है। 

    इस कार्रवाई के खिलाफ किसी कोर्ट में सुनवाई भी नहीं हो पाएगी। राज्य में एपेडमिक एक्ट लागू होने के बाद अब यह व्यवस्था अमल में आ गई है।

    असल में स्वाइन फ्लू, डेंगू व मलेरिया के लक्षण भी सामान्य वायरल जैसे हैं। ऐसे में इन रोगों की जांच के नाम पर मरीजों को कई-कई दिन तक अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। 

    जानकारों की मानें तो तमाम अस्पताल रैपिड टेस्ट कराते हैं, जिसे भरोसेमंद नहीं कहा जा सकता। सूरतेहाल, महंगे टेस्ट के नाम पर मरीजों की जेब पर कैंची चलती है। अब मुख्य सचिव की ओर से ऐपडमिक एक्ट को प्रभावी करने के आदेश जारी किए जाने के बाद निजी अस्पताल ऐसा नहीं कर पाएंगे।

    यह भी पढ़ें: बरसात में डेंगू का डंक हुआ गहरा, छह और मरीजों में पुष्टि

    यह भी पढ़ें: दून में स्वाइन फ्लू से महिला की मौत, 12 मरीजों में हुई पुष्टि

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू से चार वर्षीय बच्ची की मौत