बेचने के लिए किया नाबालिग का अपहरण, मिली ये सजा
ग्यारह साल की नाबालिग लड़की को नशीला पदार्थ खिलाकर अपहरण करने के मामले में अभियुक्तों को सजा मिल गई। आरोप है कि उन्होंने बेचने के लिए नाबालिग का अपहरण किया था।
विकासनगर, [जेएनएन]: अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सुल्तान ने वर्ष 2008 के नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में एक महिला समेत दो अभियुक्तों को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। एडीजे ने अभियुक्तों पर 21 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर अभियुक्तों को एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नरेश बहुगुणा ने बताया कि 20 जून 2008 में अंबाड़ी की एक महिला ने डाकपत्थर पुलिस चौकी में अपनी नाबालिग पुत्री की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी।
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महिला ने पुलिस चौकी में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि उसकी नाबालिग पुत्री को तुलसी चौहान (अब मृतक) पुत्र वीर सिंह, अनिता पत्नी तुलसी चौहान निवासी धर्मावाला व नंदा निवासी मेहूंवाला ने बेचने के लिए गायब किया है।
मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला ने पुलिस को बताया था कि तुलसी व अनिता का उसके घर आना जाना था और वे उसकी पुत्री की शादी की बात किया करते थे। इसी बीच आठ जून 2008 को उसकी नाबालिग पुत्री गायब हो गयी। 11 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि अनिता उसे बहला फुसला कर अपने घर ले गयी थी। वहां नशीला पदार्थ पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया था।
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विवेचनाधिकारी महेंद्र ङ्क्षसह ने पीड़िता को नंदा, अनिता व तुलसी चौहान के कब्जे से बरामद कर लिया था। मामले में सुनवाई के बाद एडीजे मोहम्मद सुल्तान ने अभियुक्त अनिता व नंदा को अपहरण व जान से मारने की धमकी की धाराओं में दोषी पाया।
दोनों अभियुक्तों अनिता पत्नी तुलसी चौहान निवासी धर्मावाला व नंदा पुत्र थेपणू निवासी ग्राम मेहूंवाला खालसा को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अभियुक्तों पर अपहरण व अन्य धाराओं में 21 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
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