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    दून की प्रसिद्ध बासमती की महक से बहक रहे गजराज, कर रहे ऐसा..

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 14 Sep 2016 11:29 AM (IST)

    गजराज भी 'कस्तूरी' और 'सुगंधा' की खुशबू के इतने दीवाने हैं कि उनके कदम बहकने लगे हैं। बासमती की इन प्रजातियों के मोह में हाथी खड़ी फसलें रौंद रहे हैं।

    देहरादून, [केदार दत्त]: गजराज भी 'कस्तूरी' और 'सुगंधा' की खुशबू के इतने दीवाने हैं कि उनके कदम बहकने लगे हैं। जंगल की देहरी लांघ उनके कदम आबादी की ओर खिंचे चले आने के पीछे एक बड़ी वजह हैं बासमती की ये दोनों किस्में। नतीजा, मनुष्य और हाथियों के बीच बढ़ते टकराव के रूप में सामने आया है। उत्तर भारत में हाथियों की सैरगाह राजाजी नेशनल पार्क से लगे देहरादून का नकरौंदा क्षेत्र भी इसी से दो-चार हो रहा है।
    राजाजी पार्क से सटे देहरादून और मसूरी वन प्रभाग से सटा है करीब 15 हजार की आबादी वाला नकरौंदा क्षेत्र। इसके एक छोर से गुजरने वाली सौंग नदी के किनारे -किनारे होकर हाथी राजाजी से देहरादून व मसूरी वन प्रभाग में आते-जाते रहते हैं। लेकिन, इलाके में इन दिनों हाथियों ने अपना रुख नकरौंदा गांव की ओर किया हुआ है।

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    धमाचौकड़ी का अंदाजा इसे से लगा सकते हैं कि एक सितंबर से अब तक यहां रात में नौ दिन हाथी दस्तक देकर फसलें तबाह चुके हैं। नकरौंदा में करीब 1200 बीघा क्षेत्र में लहलहा रही बासमती हाथियों को खूब भा रही है।
    खासकर वार्ड संख्या एक से लेकर छह में, जहां बासमती की कस्तूरी व सुगंधा प्रजातियां हैं और इनमें बालियां फूट रही हैं। असल में ये बासमती की ये दोनों प्रजातियां अपने नाम के अनुरूप खासी महक वाली हैं।

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    वन्यजीव वैज्ञानिक डॉ. रितेश जोशी के मुताबिक सामान्यत: हाथी की देखने से कहीं ज्यादा सूंघने और सुनने की क्षमता होती है। सूंघने की शक्ति के बूते यह काफी दूर से पता लगा लेता है कि कहां क्या-क्या मिलेगा। देहरादून वन प्रभाग के डीएफओ पीके पात्रो भी इससे इत्तेफाक रखते हैं।

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    अन्य इलाके भी सहमे
    न सिर्फ नकरौंदा क्षेत्र, बल्कि अन्य इलाकों में भी हाथियों की धमाचौकड़ी से लोग सहमे हैं। फिर चाहे वह राजाजी पार्क से लगे रायवाला, छिद्दरवाला, श्यामपुर और लालढांग इलाकों में हाथी इन दिनों धान के खेतों में घुसकर फसल तबाह कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर लोगों ने बासमती लगाई है।

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    ऐसे थमेंगे गजराज के कदम
    1-वन सीमा पर सोलर पावर फैन्सिंग
    2-फैन्सिंग की नियमित मॉनीटरिंग
    3-हाथियों के मूवमेंट पर रखी जाए नजर
    4-यदि गिने चुने हाथी तो उन पर लगे रेडियो कॉलर
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