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    उत्‍तराखंड: कांग्रेस के गले की फांस बना चुनावी खाता

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sun, 13 Aug 2017 07:51 PM (IST)

    प्रदेश कांग्रेस का बैंक खाता अब पार्टी के लिए गले की फांस बन गया है। इस चुनावी खाते में पहले साढ़े पांच करोड़ रुपये जमा होने की बात कही गई थी।

    उत्‍तराखंड: कांग्रेस के गले की फांस बना चुनावी खाता

    देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: ऊधमसिंह नगर जिले में एनएच-74 मुआवजा घोटाले के बाद उक्त मुआवजा राशि को लेकर चर्चा में आया प्रदेश कांग्रेस का बैंक खाता अब पार्टी के लिए गले की फांस बन गया है। इस चुनावी खाते में पहले साढ़े पांच करोड़ रुपये जमा होने की बात कही गई थी, लेकिन अब खाते में जमा धनराशि और उसके लेन-देन का ब्योरा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और चुनाव आयोग दोनों को नहीं भेजा गया है। एआइसीसी और चुनाव आयोग की ओर से इस संबंध में बार-बार पार्टी को पत्र भेजे जा रहे हैं।

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     विधानसभा चुनाव में करारी हार से पस्तहाल पार्टी को अब चुनावी खाते के मोर्चे पर भी जंग लडऩे को मजबूर होना पड़ रहा है। जिसतरह से चुनावी बैंक खाते में जमा धनराशि और लेन-देन का ब्योरा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, उससे प्रदेश संगठन खुद को असहज स्थिति में पा रहा है। दरअसल, ऐन चुनाव के मौके पर खोले गए इस बैंक खाते में पार्टी के खुद के कई नियमों का उल्लंघन हुआ। 

    बैंक खाते में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और प्रदेश कोषाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से लेन-देन नहीं हुआ। बल्कि, तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी प्रदेश सचिव कमल सिंह रावत और एक अन्य प्रदेश सचिव सुरेंद्र रांगड़ के संयुक्त हस्ताक्षर से खाते को संचालित किया गया। यही वजह है कि प्रदेश अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को खाते का ब्योरा नहीं मिल पा रहा है। नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। 

    एआइसीसी और चुनाव आयोग की ओर से बार-बार पत्र भेजकर खाते के बारे में जानकारी मांगी जा रही है, लेकिन संबंधित पक्ष अब जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। इस सिलसिले में कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में शनिवार को भी पार्टी नेताओं के बीच गर्मागर्मी हुई। प्रदेश कोषाध्यक्ष सुनील गुलाटी भी केंद्रीय संगठन को ब्योरा मुहैया कराने को लेकर असहज पा रहे हैं। यह खाता पार्टी के लिए अब सिरदर्द बन गया है। इससे आने वाले समय में पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।   

    गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकारों से बातचीत में स्वीकार किया था कि इस खाते में साढ़े पांच करोड़ जमा किए गए। बताया जाता है कि इसमें चार करोड़ बाहर से तो करीब डेढ़ करोड़ राज्य के भीतर से जुटाए गए थे। कांग्रेस के इस चुनावी खाते में ऊधमसिंह नगर जिले में एनएच-74 मुआवजा घोटाले की मुआवजा राशि जमा कराए जाने की चर्चा रही हैं। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने इस खाते में किसी भी अनियमितता से इन्कार किया था। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग और एआइसीसी से चुनाव खाते का ब्योरा मांगा गया है। इस संबंध में प्रदेश कोषाध्यक्ष को ब्योरा देने को कहा गया है।

     

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