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    उत्तराखंड: डीएनए खोलेगा हिम तेंदुओं का राज

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Sun, 04 Sep 2016 05:34 PM (IST)

    डब्ल्यूआइआइ उच्च हिमालयी क्षेत्र से एकत्रित हिम तेंदुओं के पदचिह्न, मल आदि के नमूनों की डीएनए जांच में जुटा हुआ है। इससे हिम तेंदुओं का राज खुल जाएगा।

    देहरादून, [केदार दत्त]: उत्तराखंड में हिम तेंदुओं की संख्या कितनी है, क्या इनकी अलग-अलग प्रजातियां भी हैं, ऐसे तमाम सवालों से जल्द पर्दा उठ जाएगा। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) इन दिनों विभाग की ओर से जून में कराए गए ट्रांस हिमालयन सर्वे के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र से एकत्रित हिम तेंदुओं के पदचिह्न, मल आदि के नमूनों की डीएनए जांच में जुटा हुआ है। उम्मीद जताई जा रही कि जल्द ही डीएनए रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। जाहिर है, हिम तेंदुओं की वास्तविक संख्या मिलने पर इनके संरक्षण को प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे। हालांकि, वन महकमे ने एक्शन प्लान का प्रारंभिक खाका तैयार कर लिया है।

    उच्च हिमालयी क्षेत्रों की शान कहे जाने वाले हिम तेंदुओं की उत्तराखंड में मौजूदगी तो है, लेकिन इनकी असल संख्या कितनी है यह अभी तक रहस्य ही है। हालांकि, गंगोत्री नेशनल पार्क, नंदादेवी बायोस्फीयर रिजर्व समेत अन्य उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगाए गए कैमरा ट्रैप में अक्सर इनकी तस्वीरें कैद होती आ रही हैं। इसी आधार पर अनुमान लगाया जाता रहा है कि इनकी संख्या 200 से 250 के बीच हो सकती है। इस बीच बीते जून माह में वन्यजीव विभाग ने ट्रांस हिमालयन सर्वे कराया और इस दौरान अन्य वन्यजीवों के साथ ही हिम तेंदुओं के मल, पद्चिह्न के सैंपल भी लिए गए।

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    मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीबीएस खाती के मुताबिक मल व पद्चिह्न के सैंपल के साथ ही कैमरों में कैद हिम तेंदुओं की तस्वीर, प्रत्यक्ष रूप से देखे जाने समेत अन्य सभी जानकारियां डीएनए जांच के लिए डब्ल्यूआइआइ को भेजी गई हैं। उन्होंने बताया कि डीएनए जांच से हिम तेंदुओं की संख्या सामने आएगी, वहीं इनकी प्रजातियों का भी पता चल सकेगा। इसके अलावा अन्य कई जानकारियां भी सामने आएंगी। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूआइआइ इन दिनों डीएनए जांच में जुटा है और उम्मीद है कि जल्द ही हिम तेंदुओं से संबंधित डेटा बेस उपलब्ध हो जाएगा। इससे हिम तेंदुओं के संरक्षण के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

    उत्तरकाशी में 16 को होगा मंथन
    हिम तेंदुओं के संरक्षण के लिए प्रारंभिक तौर पर एक्शन प्लान का खाका खींच लिया गया है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने बताया कि इस पर 16 सितंबर को उत्तरकाशी में होने वाली बैठक में मंथन होगा। इसके तहत प्रोजेक्ट, वासस्थल विकास समेत अन्य मसलों पर चर्चा की जाएगी।

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