सामान्य मच्छर के काटने से भी हो सकता है डेंगू, यह बरतें सावधानी
डेंगू, सामान्य मच्छर के काटने से भी हो सकता है। दरअसल, कई अन्य बीमारियों की तरह ही डेंगू में भी सामान्य मच्छर वायरस के संवाहक की भूमिका निभाता है।
देहरादून, [जेएनएन]: डेंगू, सामान्य मच्छर के काटने से भी हो सकता है। यह बात सुनने में जरूर अजीब लगती है, लेकिन है सोलह आने सच। दरअसल, कई अन्य बीमारियों की तरह ही डेंगू में भी सामान्य मच्छर वायरस के संवाहक की भूमिका निभाता है।
सामान्य तौर पर डेंगू एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है। मादा एडीज मच्छर इसका वायरस फैलाती है, जो दिन में काटती है। मादा एडीज किसी व्यक्ति को काटते वक्त उसके खून में 'डेन' नामक वायरस छोड़ देती है। जिससे व्यक्ति को डेंगू हो जाता है। डेंगू पीड़ित मरीज को जब कोई सामान्य मच्छर काटता है तो उस मच्छर के रक्त में भी डेंगू का वायरस आ जाता है। इसके बाद जब यही मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है तो वह भी डेंगू से संक्रमित हो जाता है।
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार डेंगू के शुरुआती लक्षण मच्छर के काटने के तीन से पांच दिन बाद दिखते हैं। इस अवधि में उचित देखभाल और दवा से मरीज का बुखार उतर जाता है। सावधानी न बरतने पर रोग बढ़ जाता है। मच्छर डेंगू के वायरस को एक से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से पहुंचा देते हैं।
यह बरतें सावधानी
-सुबह-शाम खुले में न घूमें। मच्छरदानी लगाकर सोएं।
-घर में कंडों (गोबर के उपले) का धुंआ करें। मॉस्किटो कॉइल जलाएं।
-घर में सफाई रखें व पानी जमा न होने दें। नालियों में गंदगी जमा न होने दें।
एक और मरीज में डेंगू की पुष्टि
मानसून के साथ ही मच्छरजनित बीमारियां भी आने लगी हैं। डेंगू ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। सोमवार को एक और मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई। प्रदेश में पिछले चार दिन में डेंगू का यह दूसरा मामला है। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के बीच डेंगू का डंक गहराने लगा है। हिमालयन हॉस्पिटल में भर्ती 14 वर्षीय एक युवक में डेंगू की पुष्टि हुई है। युवक रोशनाबाद हरिद्वार का रहने वाला है।
उसे बीती 19 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डेंगू के लक्षण मिलने पर उसके खून की जांच कराई गई। दून मेडिकल कॉलेज की पैथोलॉजी में हुई जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. तारा चंद पंत ने बताया कि डेंगू को लेकर सभी निजी व सरकारी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। दून से अभी डेंगू का कोई मरीज सामने नहीं आया है। जिन दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई, उनमें एक हरिद्वार और दूसरा बिजनौर का है।
कई जगह मिला है लार्वा
डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अब तक करीब सवा लाख घरों का मुआयना कर चुका है। विभाग की टीमों को 10 हजार से अधिक जगहों पर डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर का लार्वा मिला है। इन जगहों पर पानी को फेंककर या दवा का छिड़काव कर लार्वा खत्म किया गया। सर्वे का पहला चरण जून में चलाया गया था। इसमें अत्यधिक संवेदनशील स्थानों को चुना गया। इन स्थानों का चुनाव पिछले साल आए डेंगू के मरीजों की संख्या के आधार पर किया गया था। अब इसका दूसरा चरण शुरू किया गया है।
अस्पताल अब अलर्ट मोड पर
स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में डेंगू वार्ड बना दिए गए हैं। फिलहाल इन वार्डों में 10-10 बेड की व्यवस्था है। जरूरत पडऩे पर बेड की संख्या बढ़ाने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को विशेष मच्छरदानियां उपलब्ध कराई हैं। डेंगू के हर मरीज को मच्छरदानी में रखने के लिए कहा गया है। सभी अस्पतालों में डेंगू के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
खुद छिड़कें एंटी लार्वा
डेंगू का मच्छर न पनपे, इसके लिए स्वयं भी उपाय करने की आवश्यकता है। इस क्रम में नालियों आदि में ऐसे कीटनाशकों का छिड़काव किया जाना चाहिए, जिससे डेंगू प्रदाता मच्छर के अंडे नष्ट हो जाएं। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के साथ ही आप भी अपने आसपास एंटी लार्वा का छिड़काव कर सकते हैं। एंटी लार्वा के छिड़काव के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली टेमीफॉस कीटनाशक की दुकान पर आसानी से मिल सकती है।
ऐसे करें उपयोग
10 लीटर पानी में साढ़े तीन मिलीलीटर टेमीफॉस मिलाकर आसपास नालियों व पानी जमा होने वाले स्थानों पर डाला जाना चाहिए। नाली छोटी और कम गहरी है तो इसका असर सात दिन तक रहेगा। बड़ी नाली होने पर इसका असर तीन से चार दिन तक रहेगा। दवा मच्छर के लार्वा को मार देती है। मच्छर का प्रभाव भी इससे कम हो जाएगा।
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