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    सरकार के सरप्राइज से नाराज क्रिकेटर एकता बिष्ट और मानसी जोशी

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Wed, 30 Aug 2017 08:55 PM (IST)

    उत्‍तराखंड सरकार से मिली पुरस्कार राशि से अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटर एकता बिष्ट व मानसी जोशी नाखुश हैं। इससे बेहतर तो अन्य राज्यों में पुरस्कार दिया जा रहा है।

    सरकार के सरप्राइज से नाराज क्रिकेटर एकता बिष्ट और मानसी जोशी

    देहरादून, [जेएनएन]: अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटर एकता बिष्ट व मानसी जोशी ने सरकार से मिली पुरस्कार राशि पर नाखुशी जताई है। उनका कहना है कि इस तरह के सरप्राइज की उम्मीद नहीं थी। इससे बेहतर तो अन्य राज्यों में पुरस्कार दिया जा रहा है।

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     महिला विश्वकप में उपविजेता रही भारतीय टीम की सदस्य एकता व मानसी की उपलब्धि पर सरकार ने दावा किया था कि दोनों बेटियों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने मानसी जोशी से मुलाकात कर बड़ा सरप्राइज देने की बात भी कही थी। 

    ऐसे में एकता-मानसी को उम्मीद थी कि शायद इस बार प्रदेश सरकार उनके प्रदर्शन के अनुरूप पुरस्कृत करे। मंगलवार को राष्ट्रीय खेल दिवस पर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं के सम्मान समारोह में दोनों बेटियों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया। लेकिन, सरकार की ओर से पांच-पांच लाख रुपये का चेक प्रदान कर सरप्राइज पूरा कर दिया गया।

    एकता ने तो मंच पर ही खेल मंत्री के सामने अपनी नाराजगी जता दी। कहा, जिस तरह से सरप्राइज देने की बात कही गई थी, सच में वैसा ही निकला। इससे बेहतर तो उन्हें बुलाते ही नहीं। एकता के अनुसार विश्वकप खेलने वाली महाराष्ट्र व हैदराबाद की खिलाड़ियों को वहां की सरकार ने आशियाना और एक करोड़ की राशि तक दी है। वहीं, मानसी जोशी ने कहा कि विश्व कप के एक माह बाद ऐसा सम्मान मिलना उम्मीद से परे है। इस संबंध में संयुक्त निदेशक खेल प्रशांत आर्य ने कहा कि एकता से रेलवे के नियमों के बारे में जानकारी मांगी है। इसके मुताबिक नीति में संशोधन किया जाएगा, ताकि खिलाड़ियों को रोजगार तो मिले ही, उनका खेल भी न छूटे।

     प्रशिक्षकों को उचित सम्मान न मिलने पर भी नाराजगी

    एकता व मानसी ने कहा कि मंच पर विभिन्न खेलों के पदक विजेताओं के साथ ही उनके प्रशिक्षकों को भी पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया जा रहा था। लेकिन, हमारे प्रशिक्षकों को सिर्फ शॉल और स्मृति चिह्न देकर इतिश्री कर ली गई। यह भेदभाव नहीं तो क्या है। 

     क्रिकेट से समझौता नहीं 

    एकता-मानसी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जो जॉब ऑफर दिए, उससे उनके कॅरियर पर ब्रेक लग जाता। खेल नीति के तहत जिन विभागों में नौकरी का न्यौता मिला है, उन्हें ज्वाइन करने से मात्र 30 दिन ही खेलने को मिलते। जबकि रेलवे में पूरे समय खेलने की छूट रहती है। ऐसे में रेलवे का ऑफर कौन ठुकराएगा। 

     

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