उत्तराखंड: सेंधमारी से डरी कांग्रेस ने सतपाल महाराज खेमे के विधायकों को भेजा हिमाचल
उत्तराखंड में सरकार गठन की संभावना न्यायालय की चौखट पर लंबित है और कांग्रेस सेंधमारी की आशंका के चलते सतपाल महाराज खेमे के विधायकों को हिमाचल प्रदेश भेज दिया है। हालांकि, अधिकतर विधायक अपने क्षेत्र में ही जमे हुए हैं।
देहरादून। उत्तराखंड में सरकार गठन की संभावना न्यायालय की चौखट पर लंबित है और कांग्रेस ने सेंधमारी की आशंका के चलते सतपाल महाराज खेमे के चार विधायकों को हिमाचल प्रदेश भेज दिया है। हालांकि, अधिकतर विधायक अपने क्षेत्र में ही जमे हुए हैं। माना जा रहा है कि उन्हें भी आज हिमाचल प्रदेश भेज दिया जाएगा।
नौ विधायकों की बगावत से सरकार गंवाने के बाद कांग्रेस अपने बाकी विधायकों और सहयोगी पीडीएफ के विधायकों को लेकर चिंता में है। सरकार गठन में हो रही देरी की वजह से सेंधमारी का खतरा बढ़ रहा था। इसलिए कांग्रेस ने सतपाल महाराज के करीबी विधायक गणेश गोदियाल, अनुसूईया प्रसाद मैखूरी, राजेंद्र भंडारी और प्रो. जीतराम को हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना कर दिया है।
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बताया जा रहा है कि विधायक नवप्रभात, हीरा सिंह बिष्ट, राजकुमार, दिनेश अग्रवाल, यशपाल आर्य, इंदिरा हृदयेश, सरिता आर्य, मनोज तिवारी, पीडीएफ से जुड़े हरिदास, मंत्रीप्रसाद नैथानी और हरीश दुर्गापाल अपने क्षेत्रों में ही जामे हुए हैं।
यह है मामला
विगत 18 मार्च को सदन के भीतर जो कुछ हुआ, अभी तक भी उसका हैंगओवर बना हुआ है। कांग्रेस के नौ विधायकों ने वित्त विनियोग विधेयक पर वोटिंग के दौरान विद्रोह किया तो सरकार पर संकट आ गया। समूचे विपक्ष और विजय बहुगुणा व हरक सिंह रावत समेत कांग्रेस के नौ सदस्यों की शिकायत पर राज्यपाल ने 19 मार्च को ही हरीश सरकार को 28 मार्च तक बहुमत साबित करने को कहा था।
इस अवधि में सुरक्षित रखने के लिहाज से भाजपा ने अपने व कांग्रेस के नौ असंतुष्टों को गुड़गांव व जयपुर, पुष्कर समेत कई शहरों का भ्रमण कराया। वहीं, फिक्रमंद कांग्रेस ने अपने व पीडीएफ के विधायकों को रामनगर रिसोर्ट में रखा। दोनों तरफ से यही तैयारी थी कि 28 मार्च को बहुमत साबित करने वाले दिन वे एक साथ आएंगे। लेकिन एक दिन पहले राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।
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