उत्तराखंड: खटाई में पड़ी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना
उत्तराखंड में उपनकल कर्मियों की हड़ताल के चलते मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना खटाई में पड़ गई। मरीज अस्पताल से मायूस लौट रहे हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड के उपनल कर्मचारियों की हड़ताल के कारण मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना भी खटाई में पड़ गई है। योजना के काउंटर खाली पड़े हैं और मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। राजधानी दून ही नहीं, बल्कि पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों से लंबी दूरी तय कर आने वाले मरीजों को कार्ड होने के बाद भी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है या यूं कहें कि साधन है पर लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।
प्रदेश में गैर आयकरदाता व गैर पेंशनर एपीएल-बीपीएल परिवारों को निशुल्क उपचार की सुविधा देने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की। प्रथम चरण में योजना के तहत 50 हजार तक के इलाज की सुविधा थी, जिसे अब बढ़ाकर पौने दो लाख रुपये कर दिया गया है।
इसके तहत भर्ती मरीजों को तो उपचार मिलता ही है, ओपीडी में भी कई जांचे फ्री हैं। ऐसे में योजना गरीब तबके के लिए खासी मददगार रही है। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से उपनल कर्मियों की हड़ताल के कारण सबसे ज्यादा असर इसी योजना पर पड़ा है।
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल का ही उदाहरण लीजिए। यहां योजना के संचालन के लिए तीन उपनल कर्मियों को तैनात किया गया है। यह कर्मचारी एमएसबीवाई के तहत ऑनलाइन क्लेम बनाते हैं।
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जिसमें निर्धारित पैकेज के अनुरूप तमाम दस्तावेज अपलोड करना व अन्य कार्य शामिल हैं। अस्पताल में योजना के तहत प्रतिदिन तकरीबन 25-30 मरीज आते हैं। जिनमें आर्थो, न्यूरो व गैस्ट्रो समेत अन्य आपरेशन भी होते हैं। अब तक का अनुमान है कि अस्पताल 40-45 लाख रुपये का उपचार एमएसबीवाई के तहत मरीजों को दे चुका है। लेकिन, कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से योजना ठप पड़ गई है।
कई किमी की दौड़ और हाथ लगी निराशा
एमएसबीवाई के तहत ओपीडी में भी मरीजों की एमआरआइ व सीटी स्कैन मुफ्त किया जाता है। प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में एमआरआइ की व्यवस्था कुछेक ही अस्पताल में है। दून में एमआरआइ कराने पूरे गढ़वाल से मरीज आते हैं, जिन्हें अब यहां पहुंचकर निराशा हाथ लग रही है। स्थिति यह है कि वह इंतजार करें या फिर महंगे दाम पर बाहर जांच कराएं।
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भर्ती मरीज भी झेल रहे दिक्कत
काउंटर बंद होने से भर्ती मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एमएसबीवाई के तहत उन्हें निशुल्क जांच की सुविधा मिलती है। लेकिन, इस दौरान काम ठप है। ऐसे में कार्ड होने के बाद भी उन्हें जांच के लिए जेब से पैसे देने पड़ रहे हैं। एमएसबीवाई के तहत नए मरीज भी भर्ती नहीं किए जा रहे। जो मरीज हाल फिलहाल डिस्चार्ज हुए हैं उनके कार्ड अस्पताल में ही जमा हैं।
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा के अनुसार, उपनल कर्मियों की हड़ताल के कारण योजना के संचालन में दिक्कत आई है। अन्य जगह वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, लेकिन इस काम में एकाएक किसी नए व्यक्ति को नहीं बैठा सकते। फिर भी रास्ता तलाशा जा रहा है।
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