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स्मार्ट सिटी में दून का चयन नहीं होने पर कबीना मंत्री ने भाजपा को घेरा

देहरादून का चयन स्मार्ट सिटी के लिए न होने पर सियासत गरमाती जा रही है। अब कांग्रेसी विधायकों ने प्रदेश सरकार की ओर से ही चुनिंदा शहरों को स्मार्ट सिटी बनाए जाने की पैरवी की है।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 24 Sep 2016 01:19 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2016 01:25 PM (IST)

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राजधानी देहरादून का चयन स्मार्ट सिटी के लिए न होने पर सियासत गरमाती जा रही है। अब कांग्रेसी विधायकों ने प्रदेश सरकार की ओर से ही चुनिंदा शहरों को स्मार्ट सिटी बनाए जाने की पैरवी की है। काबीना मंत्री दिनेश अग्रवाल ने देहरादून का स्मार्ट सिटी के लिए चयन न होने पर सीधे भाजपा व महापौर को जिम्मेदार ठहराया। वहीं, संसदीय सचिव राजकुमार ने कहा कि केंद्र लगातार प्रदेश के साथ भेदभाव कर रहा है। कांग्रेसी विधायक खुद ही कुछ शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए मुख्यमंत्री को जल्द ही प्रस्ताव भेजेंगे।
विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए काबीना मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि राजनीतिक कारणों से देहरादून को स्मार्ट सिटी के लिए चयनित नहीं किया गया।

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भाजपा को ऐसा लगा कि कहीं इसका सारा श्रेय कांग्रेस न ले जाए। अब स्थिति यह है कि कभी स्मार्ट सिटी के लिए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के साथ शहर भर में पोस्टर चिपकाने वाले महापौर विनोद चमोली आज प्रदेश सरकार पर ही दोषारोपण कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने निगम बोर्ड की ओर से पारित प्रस्ताव को ही केंद्र को भेजा था। ऐसे में कमजोर पैरवी की बात कहना समझ से परे है। भाजपा को अपने पांचों सांसद व महापौर से पूछना चाहिए कि ऐसा कमजोर प्रस्ताव केंद्र क्यों भेजा गया।

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उन्होंने कहा कि महापौर को धरना प्रदर्शन करना ही है तो वे केंद्रीय मंत्री के खिलाफ करें और उनसे पूछें कि उन्होंने देहरादून को स्मार्ट सिटी में स्थान क्यों नहीं दिया।
उन्होंने स्मार्ट सिटी के साथ ही डेंगू के बढ़ते प्रकोप के लिए महापौर को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि राजधानी की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। जब मुख्यमंत्री ने स्वयं सड़कों पर उतर कर काम किया और निगम को फॉगिंग मशीनें उपलब्ध कराई तब इस दिशा में काम शुरू हुआ।

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उन्होंने कहा कि वह भी अपनी विधायक निधि से मशीन देने को तैयार थे, लेकिन महापौर ने शहर के किसी विधायक से राय लेना तक जरूरी नहीं समझा। मुख्यमंत्री के सड़कों पर उतर कर सफाई करने को राजनीति बताने वाले अपनी विफलता छिपाने के लिए इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं। ट्रेचिंग ग्राउंड के मुद्दे पर भी भाजपा विधायक ने विरोध प्रदर्शन किया।

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कहने पर बैठक हुई तो नगर निगम वहां अपना पक्ष नहीं रख पाया। अब मुख्य सचिव ने इसके लिए बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। यह सारे काम निगम स्तर पर होने चाहिए थे।
वहीं, संसदीय सचिव राजकुमार ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार सूबे से भेदभाव कर रही है। स्मार्ट सिटी बनाने में यूं भी प्रदेश सरकार का काफी पैसा लगना है। ऐसे में खुद ही स्मार्ट सिटी बनाई जाएंगी। इसके लिए जल्द ही नामों का चयन कर मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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