Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड: रिटायरमेंट के बाद पुनर्वास पर कैंची

उत्‍तराखंड में पुनर्नियुक्ति के पुराने प्रावधान खत्म कर नए सख्त प्रावधान लागू कर दिए गए हैं। समूह-ग और घ के पदों पर पुनर्नियुक्ति नहीं दी जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 14 Sep 2017 01:25 PM (IST)Updated: Thu, 14 Sep 2017 08:48 PM (IST)
उत्‍तराखंड: रिटायरमेंट के बाद पुनर्वास पर कैंची

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: सरकारी कार्मिक सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियुक्ति के नाम पर अहम पदों पर काबिज होकर मौज नहीं काट सकेंगे। सरकारी पदों पर पुनर्वास के इस मामले में अब तक दिखाई जा रही दरियादिली पर सरकार सख्त हो गई है। पुनर्नियुक्ति के पुराने प्रावधान खत्म कर नए सख्त प्रावधान लागू कर दिए गए हैं। समूह-ग और घ के पदों पर पुनर्नियुक्ति नहीं दी जाएगी।

loksabha election banner

अब वैज्ञानिक, उच्च तकनीकी अथवा विशेषज्ञता वाले पदों पर ही जरूरत को ध्यान में रखकर दोबारा सेवा का मौका मिलेगा। ऐसे कार्मिकों को सरकारी आवास या सरकारी वाहन की सुविधा खत्म कर दी गई है। पेंशन काटकर वेतन देने की व्यवस्था सिर्फ सीमित तरीके से लागू होगी। अधिकतर मामलों में कार्मिक को वेतन का 40 फीसद ही नियत मानदेय मिलेगा। महंगाई, मकान किराया या अन्य भत्ते नहीं दिए जाएंगे। खास बात ये भी है कि हर साल फरवरी माह के अंतिम दिन तक ही पुनर्नियुक्ति मानी जाएगी।

 सरकारी कार्मिकों के लिए सेवानिवृत्त होने के बाद सरकारी पदों पर पुनर्वास की डगर कठिन हो गई है। इस वजह से 21 नवंबर, 2012 को पुनर्नियुक्ति के लिए जारी शासनादेश के स्थान पर नया शासनादेश जारी किया गया है। वित्त प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी की ओर से जारी आदेश में सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी सेवकों को पुनर्नियुक्ति की अवधि में सिविल सर्विस रेगुलेशन के अनुच्छेद-520 के प्रावधान के मुताबिक वेतन निर्धारण और वेतन की मंजूरी के दायरे को सीमित कर दिया है।

जिन पदों पर विशेषज्ञता, उच्च तकनीकी दक्षता की जरूरत को आंकते हुए पुनर्नियुक्ति दी जाएगी, उक्त प्रावधान सिर्फ उन्हीं के लिए लागू होंगे। यानी पुनर्नियुक्ति की अवधि में ऐसे सरकारी सेवक को सेवानिवृत्ति के बाद अंतिम वेतन से पेंशन की राशि घटाकर वेतन दिया जाएगा। 

महंगाई भत्ता उक्त वेतन या पेंशन पर समान रूप से अलग-अलग मिलेगा। अतिविशिष्ट विशेषज्ञों की पुनर्नियुक्ति के प्रकरण में अधिक धनराशि देना जरूरी होगा तो इस संबंध में वित्त विभाग के परामर्श के बाद कैबिनेट की मंजूरी अनिवार्य होगी। लेकिन यह व्यवस्था सामान्य रूप से पुनर्नियुक्ति पर लागू नहीं होगी। 

बेहद जरूरी परिस्थितियों पर विभागाध्यक्षों की मांग या सिफारिश पर विशेष प्रशिक्षण, योग्यता एवं दक्षता को ध्यान में रखकर संविदा पर पुनर्नियुक्ति दी जाएगी। इसके लिए वित्त की सहमति से एक्स कैडर पद सृजित होगा। सामान्य प्रशासनिक कार्यों, अधिष्ठान से संबंधित कार्यों व विभाग के रूटीन कार्यों के लिए पुनर्नियुक्ति नहीं दी जाएगी। पहले से पुनर्नियुक्ति पर चल रहे कार्मिकों को मौजूदा कार्यकाल या 28 फरवरी, 2018 जो भी पहले हो, तक ही मौजूदा सुविधाएं मिल पाएंगी।

 यह भी पढ़ें: दस्तावेज जमा कराने के बाद केदारनाथ में हेली सेवाएं फिर शुरू

 यह भी पढ़ें: पांच अक्टूबर को उत्तराखंड आएंगे पीएम नरेंद्र मोदी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.