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    पर्यटकों से गुलजार हुआ औली, पांच माह में तोड़ा तीन साल का रेकार्ड

    By BhanuEdited By:
    Updated: Mon, 06 Jun 2016 08:52 AM (IST)

    दुनियाभर के स्कीइंग प्रेमियों के लिए खास माना जाने वाला पर्यटन स्थल इस वर्ष पर्यटकों से गुलजार है। अब तक रेकार्ड 15 हजार से अधिक पर्यटक औली में अपनी आमद दर्ज करवा चुके हैं।

    गोपेश्वर (जेएनएन)। दुनियाभर के स्कीइंग प्रेमियों के लिए खास माना जाने वाला पर्यटन स्थल इस वर्ष पर्यटकों से गुलजार है। 2013 की प्राकृतिक आपदा का असर इस पर्यटन स्थल पर सबसे अधिक पड़ा था, लेकिन इस बार अब तक रेकार्ड 15 हजार से अधिक पर्यटक औली में अपनी आमद दर्ज करवा चुके हैं। पर्यटक कई दिनों तक औली में ठहरकर यहां के प्राकृतिक नजारों का भी लुत्फ भी उठा रहे हैं।

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    चमोली जिले का औली पर्यटन स्थल विश्व में स्कीइंग के लिए खास पहचान रखता है। यहां की दक्षिणमुखी ढलानों पर अक्टूबर से मार्च तक जब बर्फ रहती है तो देश-दुनिया से सैलानी बड़ी तादात में यहां पहुंचते हैं।
    वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद यह पर्यटन स्थल भी पर्यटकों के बगैर सूना पड़ गया था। औली में पर्यटन व्यवसाय के जरिये करीब 800 लोग अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं। मगर, बीते तीन साल में पर्यटकों की आमद ना के बराबर होने से इनके सामने फाके की स्थिति आ गई थी। कई व्यवसायी तो यहां से अपना तामझाम समेट दूसरे काम पर लग गए थे।

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    इस वर्ष औली में पर्यटकों की अच्छी खासी आमद हो रही है। अब तक 15 हजार से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक औली पहुंचकर यहां के प्राकृतिक नजारों का दीदार कर चुके हैं। जिस प्रकार पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, उससे पर्यटन व्यवसायी व पर्यटन विभाग भी उत्साहित नजर आ रहा है।

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    औली के पर्यटन व्यवसायी अतुल सती का कहना है कि अमूमन बर्फ के दौरान ही पर्यटक औली का रुख करते हैं। परंतु इस बार मैदानी क्षेत्रों की झुलसाने वाली गर्मी से बचने को भी लोग यहां खिंचे चले आ रहे हैं। जो निश्चित रूप से पर्यटन व्यवसाय के लिए शुभ संकेत है।
    जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुरेश सिंह यादव के मुताबिक औली वर्षभर पर्यटकों के लिए खुला रहता है। 2013 की आपदा के बाद जरूर यहां पर्यटकों की संख्या में कमी आई, लेकिन इस वर्ष प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक औली पहुंचकर यहीं डेरा डाल रहे हैं।
    औली में ये भी है खास
    औली को न केवल विश्व प्रसिद्ध स्कीइंग स्थल के रूप में जाना जाता है, बल्कि यहां एशिया का सबसे लंबा रोपवे भी है। जोशीमठ-औली रोपवे की लंबाई 4.15 किलोमीटर है। यह रोपवे 10 टावरों से होकर गुजरता है। औली में 22 से अधिक चेयर लिफ्ट भी है। पर्यटक चेयर लिफ्ट में बैठकर यहां की प्राकृतिक सुंदरता का मजा लेते हैं।
    संजीवनी शिखर आकर्षण का केंद्र
    संजीवनी शिखर के बारे में मान्यता है कि जब राम-रावण युद्ध हो रहा था तो लक्ष्मण को मूच्र्छा से निकालने के लिए हनुमान ने इसी स्थान पर रुककर द्रोणागिरी पहाड़ के लिए कूच किया था।
    हिमालय की चोटियों के दर्शन
    औली से हिमालय की सबसे अधिक चोटियों के दर्शन होते हैं। यहां पर व्यू प्वाइंट बनाया गया है। जहां से पर्यटक हिमाच्छादित चोटियों का दीदार करते हैं। औली से ही लार्ड कर्जन ट्रैक जुड़ा हुआ है। पर्यटक औली का दीदार करने के बाद प्राकृतिक खूबसूरती व मखमली बुग्यालों से भरे क्वांरीपास ट्रैक के लिए भी प्रस्थान करते हैं।
    वर्षवार पहुंचे पर्यटक
    वर्ष--------------पर्यटक
    2013---1200
    2014---2000
    2015-- 4500
    2016----------15000 (31 मई तक)
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