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    गीता और रामायण पाठ्यक्रम में हों शामिल : शंकराचार्य

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Fri, 17 Jun 2016 09:14 AM (IST)

    ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने देश की शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन पर जोर देते हुए कहा कि पाठ्यक्रम में गीता व रामायण को शामिल किया जाय।

    बदरीनाथ, [जेएनएन]: ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने देश की शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन पर जोर देते हुए कहा कि पाठ्यक्रम में गीता व रामायण को शामिल किया जाय। जनता को निरोगी तभी बनाया जा सकता है जब हम गाय की रक्षा सुनिश्चित करें, क्योंकि गोबर की खाद से तैयार फसल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगी।

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    आज शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भगवान बदरी विशाल के दर्शन करने पहुंचे थे। शंकराचार्य ने बदरीनाथ में पूजा-अर्चना के दौरान अस्वस्थ चल रहे स्वामी माधवाश्रम की जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की। भगवान के दर्शन पूजन के बाद उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गंगा जल को घर घर पहुंचाने का कार्य कर लोगों को धार्मिक स्थलों से दूर रखने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि डाक से गंगा जल घर पर मिल जाने से श्रद्धालु गंगा के दर्शनों को कम आएंगे।

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    शंकराचार्य ने केदारनाथ में शंकराचार्य की समाधि स्थल के जल्द पुन: निर्माण की मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार के पास इसके लिए समुचित साधन नहीं है तो वे इसके जीर्णोद्धार का जिम्मा संभाल सकते हैं। शंकराचार्य ने यह भी साफ किया कि ज्योर्तिमठ में असली पीठ नृसिंह मंदिर में है। ज्योर्तिमठ का पुन: निर्माण कार्य भी तेजी से पूरा होना चाहिए।
    जोशीमठ में इस वर्ष ज्योर्तिपीठ का स्थापना पर्व मनाने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि 20 से 25 जून तक जोशीमठ में स्थापना पर्व मनाया जाएगा। उन्होंने जोशीमठ का नाम ज्योर्तिमठ रखने की भी मांग की। स्थापना पर्व में 25 जून को शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान शंकराचार्य के साथ चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष सुबोधानंद ब्रहमचारी, स्वामी रामानंद सहित कई लोग उपस्थित थे।

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